सिविल डिफेंस प्लान की समीक्षा: अधिकारियों को सौंपे गए दायित्वों की प्रगति और आपातकालीन तैयारियों पर गहन चर्चा, जिले में तैयारियों को और मजबूत करने की दिशा में कदम

सिविल डिफेंस प्लान की समीक्षा: जिले में आपातकालीन तैयारियों को लेकर अधिकारियों के दायित्वों पर चर्चा

द क्लिफ़ न्यूज़ विदिशा
केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी मास्टर प्लान फॉर सिविल डिफेंस 2025 के अंतर्गत विदिशा जिले में तैयार किए गए सिविल डिफेंस प्लान (सीडी प्लान) की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार में सोमवार को कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता और पुलिस अधीक्षक श्री रोहित काशवानी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में अधिकारियों द्वारा अब तक किए गए कार्यों और तैयारियों की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की गई और भविष्य में किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की गई।

सिविल डिफेंस प्लान के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा

सिविल डिफेंस प्लान के तहत जिले में विभिन्न सेवाओं की योजना बनाई गई है, जिनमें मुख्यालय सेवा, संचार सेवा, अग्निशमन सेवा, चिकित्सा सेवा, दुर्घटना और बचाव सेवा, विद्युत सेवा, सालवेज सेवा, और आपूर्ति सेवाएं शामिल हैं। इन सभी सेवाओं की क्रियान्वयन स्थिति पर चर्चा की गई और अधिकारियों को सुस्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।

कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता ने बैठक में बताया कि अप्रत्याशित परिस्थितियों में पैनिक की स्थिति से बचने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। आमजन को इस प्रकार की आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

सायरन, आपातकालीन नियंत्रण और स्वास्थ्य सेवाएं

बैठक के दौरान एयर रैड सायरन की स्थिति, कार्यरत सायरनों की संख्या, बैकअप की उपलब्धता, और केंद्रीय अलर्ट सिस्टम से जुड़े रहने की जानकारी ली गई। इसके अलावा जिले में इमरजेंसी कंट्रोल रूम और विकासखण्ड मुख्यालयों पर एक साथ कार्यरत कंट्रोल रूम के संचालन पर भी चर्चा की गई।

साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बर्न यूनिट, सर्जन्स, बेड क्षमता, और जिला चिकित्सालय के साथ विकासखण्ड अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा की गई। फायर सेफ्टी ड्रिल, चिकित्सीय सुविधाओं का इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य आवश्यकताओं के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली गई।

स्वयंसेवकों की भूमिका और प्रशिक्षण

बैठक में स्वयंसेवकों की संख्या और उन्हें प्रशिक्षित करने की व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। होमगार्ड विभाग को स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सोशल मीडिया और जन जागरूकता

पुलिस अधीक्षक श्री रोहित काशवानी ने बैठक में सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारियों के प्रसार से बचने के लिए निर्देश दिए और किसी भी अप्रत्याशित घटना की सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुँचाने की बात की। इसके अलावा, उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पाँच-पाँच स्वयंसेवकों के नामांकन और प्रशिक्षण की योजना पर जोर दिया।

कंट्रोल रूम और ब्लैकआउट प्लान की समीक्षा

कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता ने कंट्रोल रूम की व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया और कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिला मुख्यालय और अनुविभाग स्तर पर भी कंट्रोल रूम पूरी तरह से सक्रिय हों। साथ ही, पावर यूटिलिटीज और ब्लैकआउट प्लान के समन्वय पर भी चर्चा की गई।

सामाजिक जागरूकता और स्थानीय मीडिया का योगदान

कलेक्टर ने बताया कि सिविल डिफेंस प्लान के तहत जन जागरूकता के लिए सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार पत्रों का इस्तेमाल किया जाएगा। लोगों को रेड, येलो और ग्रीन सायरन के विभिन्न चरणों से अवगत कराया जाएगा ताकि वे आपातकालीन स्थिति में उचित कदम उठा सकें।

बैठक में भाग लेने वाले अधिकारी

समीक्षा बैठक में अपर कलेक्टर श्री अनिल कुमार डामोर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत चैबे, जिला पंचायत सीईओ श्री ओपी सनोडिया, वन मण्डलाधिकारी श्री हेमंत यादव, और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। खंड स्तरीय अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया गया।

कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता ने बैठक के अंत में अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने की बात कही कि सभी विभाग अपने दायित्वों का समय पर पालन करें ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना के दौरान जिले में त्वरित और प्रभावी उपाय किए जा सकें।

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