वेदांता ग्रुप ने शुक्रवार को उत्तर-पूर्वी भारत के छह राज्यों में ₹80,000 करोड़ के मेगा निवेश की घोषणा की। यह ऐलान नई दिल्ली में आयोजित ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के उद्घाटन सत्र के दौरान हुआ, जिसे पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) द्वारा आयोजित किया गया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, और सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे।
निवेश का ब्योरा:
वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बताया कि यह निवेश तेल और गैस, क्रिटिकल मिनरल्स, रिफाइनिंग, पावर ट्रांसमिशन, नवीकरणीय ऊर्जा, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और डाटा सेंटर्स जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा।
- ₹50,000 करोड़ की राशि पहले ही ‘एडवांटेज असम 2.0’ समिट में असम के लिए घोषित की जा चुकी है।
- ₹30,000 करोड़ अब अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम में निवेश हेतु आवंटित किए जाएंगे।
पूर्वोत्तर: “विकसित भारत का इंजन”
अनिल अग्रवाल ने पूर्वोत्तर भारत को “विकसित भारत का प्रमुख इंजन” बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन और असीम आर्थिक संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने क्षेत्र के सतत विकास और जिम्मेदार दोहन के प्रति वेदांता की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्य परियोजनाएं और उपलब्धियां:
1. तेल और गैस:
- वेदांता की सहायक कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस ने असम के हाजरीगांव में पूर्वोत्तर के पहले Discovered Small Field (DSF) का संचालन शुरू किया है।
- इस गैस का उपयोग चाय बागानों में कोयले के विकल्प के रूप में किया जा रहा है और गुवाहाटी में 100 से अधिक CNG बसों को भी इससे ऊर्जा मिल रही है।
2. खनिज संपदा:
- अरुणाचल प्रदेश में वेदांता को हालिया नीलामी में ग्रेफाइट और वैनाडियम ब्लॉक्स मिले हैं।
- अरुणाचल में देश का सबसे अधिक ग्रेफाइट भंडार और 40% हाइड्रोपावर क्षमता मौजूद है।
3. ऊर्जा अवसंरचना:
- एक 300 सर्किट-किलोमीटर ट्रांसमिशन नेटवर्क चालू किया गया है, जिससे असम से मेघालय को 1,000 मेगावॉट बिजली भेजी जा रही है।
सामाजिक विकास के लिए प्रतिबद्धता:
वेदांता अपनी सामाजिक पहलों के माध्यम से भी क्षेत्रीय विकास में भागीदारी निभा रहा है:
- नंदघर योजना के तहत आधुनिक आंगनवाड़ी।
- डिजिटल क्लासरूम और हैंडलूम स्किल सेंटर – अब तक 3,000+ महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनीं।
- 200 गांवों में सामुदायिक कार्यक्रम और काजीरंगा नेशनल पार्क के साथ वन्यजीव संरक्षण साझेदारी।
- खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य जारी।
निष्कर्ष:
इस बड़े निवेश के साथ वेदांता ग्रुप पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण निजी क्षेत्र के भागीदार के रूप में उभर रहा है। यह पहल न केवल ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना को साकार करेगी, बल्कि क्षेत्र के लोगों को स्थायी और समावेशी प्रगति का भागीदार भी बनाएगी।