सिंगापुर, पेरिस और कांगो की यात्रा पर गए भारत के सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया है कि भारत किसी भी प्रकार के परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकवाद के ठिकानों पर सटीक और निर्णायक कार्रवाई करेगा, भले ही वे किसी देश की शह में छिपे हों।
पाकिस्तान को घेरा, आतंक को बताया ‘राजनीतिक हथियार’
प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को “राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल” करने का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की नीति “क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस” की हो चुकी है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अब भारत आतंकियों और उन्हें संरक्षण देने वाले शासन में कोई फर्क नहीं करता।
सिंगापुर में मिले समर्थन
सिंगापुर में वरिष्ठ मंत्री सिम एन से मुलाकात के दौरान जेडीयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने दोहराया कि भारत पर किसी भी आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सिंगापुर की ओर से भी भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया गया।
FATF और संयुक्त राष्ट्र में समर्थन की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर के कानून मंत्री एडविन टोंग से मुलाकात में FATF और संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भारत के रुख को समर्थन देने की अपील की।
फ्रांस में भी भारत का पक्ष मजबूत
पेरिस में बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भारतीय सांसदों ने फ्रांसीसी संसद सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को शह देने के फोटोग्राफिक प्रमाण भी साझा किए और बताया कि पाकिस्तान में 52 संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी संगठनों को शरण मिली हुई है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “पाकिस्तान और आतंकवाद में अब कोई अंतर नहीं रह गया है। वहाँ लोकतंत्र नहीं, बल्कि सेना के हाथों में सत्ता है।”
वैश्विक स्तर पर भारत के पक्ष में कांगो
कांगो की राजधानी किंशासा में शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। कांगो के नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए भारतीयों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद की किसी भी स्थिति में निंदा की।
कांगो की विदेश मंत्री थेरेस ने आश्वासन दिया कि उनका देश सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन करेगा।
जयशंकर ने कहा: यह युग युद्ध का नहीं, आतंकवाद का भी नहीं
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “टीम इंडिया ने दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकता और संकल्प का स्पष्ट संदेश दिया है।”
इस प्रतिनिधिमंडल ने न केवल वैश्विक समुदाय को भारत की स्थिति से अवगत कराया, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन आतंक के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा।