भोपाल नगर निगम (BMC) ने वर्ष 2025 में अवैध कब्जों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। निगम ने अब तक 97 कार्रवाई अभियान चलाए हैं। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों को पुनः प्राप्त करना और शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देना है। हालांकि, इन अभियानों को लेकर स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है।
कमर्शियल क्षेत्रों, फुटपाथों और सड़कों पर अवैध दुकानें और ठेले लगने से आमजन को चलने में कठिनाई हो रही है और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। 25 मई को BMC ने विभिन्न इलाकों में बिना लाइसेंस वाले विक्रेताओं और ढांचों को हटाने का अभियान शुरू किया ताकि पैदल चलने वालों को सुविधा मिल सके। हालांकि शुरुआत में यह अभियान सफल रहा, लेकिन कुछ ही दिनों में विक्रेता वापस लौट आए, जिससे कार्रवाई की प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे।
27 मई को जवाहर चौक और लिंक रोड पर किए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत सड़कों को खाली कराया गया। हालांकि, हटाए गए विक्रेता आसपास के क्षेत्रों में शिफ्ट हो गए, जिससे समस्या का स्थानांतरण मात्र हुआ।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) की तैयारियों के दौरान BMC ने शहर के 20 स्थानों पर अतिक्रमण हटाया, जिनमें हलालपुर बस स्टैंड और आगंतुक आवास स्थल शामिल थे। इन प्रयासों का उद्देश्य शहर को व्यवस्थित और प्रस्तुत करने योग्य बनाना था।
हालांकि, आवासीय क्षेत्रों में यह अभियान सीमित रहा। बैरागढ़ और कोलार मार्केट जैसे इलाकों में अभी भी अवैध कब्जे की समस्या बनी हुई है। बरसात के मौसम को देखते हुए यह अवैध ढांचे और भी खतरनाक साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये जल निकासी व्यवस्था में रुकावट पैदा कर रहे हैं।
करोंद मंडी और भानपुर में अस्थायी निर्माण कार्यों के चलते जल निकासी मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे भारी बारिश के दौरान जलभराव की आशंका बनी हुई है। BMC ने इन क्षेत्रों में कुछ अवैध प्लेटफॉर्म हटाए हैं, लेकिन अधूरी कार्रवाई से खतरा अभी भी बना हुआ है।
निगम ने करोंद, अमन कॉलोनी, बडवाई और बैरागढ़ में अवैध स्टॉल, टेबल और ढांचे हटाकर फुटपाथ को खाली कराया। लेकिन कुछ ही समय बाद विक्रेता फिर से अपने स्थान पर लौट आए, जिससे अभियान का प्रभाव सीमित रहा।
इन परिस्थितियों में नगर निगम की यह चुनौती बनी हुई है कि कैसे इन कार्रवाइयों को स्थायी और प्रभावी बनाया जाए, विशेषकर जब बरसात जैसे संवेदनशील समय नजदीक हो।