प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार, 3 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण बयान में खुलासा किया कि पाकिस्तान ने भारत को 48 घंटे में “झुकाने” की योजना बनाई थी। 10 मई को शुरू किए गए “ऑपरेशन बुनियान अल-मर्सूस” के तहत पाकिस्तान ने कई हमले किए, लेकिन भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद महज 8 घंटे में उसकी योजना धराशायी हो गई और वह वार्ता की गुहार लगाने लगा।
जनरल चौहान पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में ‘भविष्य के युद्ध और युद्धकला’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने बताया, “10 मई की रात करीब 1 बजे पाकिस्तान ने भारत को घुटनों पर लाने का मंसूबा लेकर हमला किया। उन्होंने कई मोर्चों पर आक्रमण किया और तनाव को बढ़ाया — जबकि भारत ने सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों को ही निशाना बनाया था।”
उन्होंने बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेस जैसे नूर खान, मुरिद और रफीकी को निशाना बनाया गया। सैटेलाइट चित्रों से इन ठिकानों पर भारी तबाही की पुष्टि हुई है।
भारत की इस निर्णायक जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय समकक्ष से हॉटलाइन के ज़रिये संपर्क किया और दोनों देशों के बीच तत्काल संघर्षविराम पर सहमति बन गई।
जनरल चौहान ने कहा कि यह युद्ध पारंपरिक नहीं था। “हमने एक-दूसरे को प्रत्यक्ष नहीं देखा। सिर्फ रडार और विभिन्न रेंजों से गतिविधियाँ नजर आ रही थीं। यह एक मिश्रित युद्ध था — किनेटिक (जहां विनाश हुआ) और नॉन-किनेटिक (सूचना और साइबर डोमेन में) दोनों स्तरों पर। एलओसी पर कुछ चल रहा था, तो वहीं पाकिस्तान के भीतर सरगोधा जैसी जगहों तक असर था।”
भारत का ऑपरेशन सिंदूर मुख्य रूप से पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर किया गया था। भारत ने नौ अलग-अलग लोकेशनों पर सटीक हमले किए। यह जवाबी कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई थी, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी — जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
जनरल चौहान की इस टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की सैन्य तत्परता और निर्णायक नीति ने पाकिस्तान की बड़ी साजिश को बेहद कम समय में नाकाम कर दिया।