मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों ने हलचल मचा दी है। राज्य की जन स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सम्पतिया उइके पर जल जीवन मिशन में ₹1000 करोड़ की रिश्वत से जुड़ा गंभीर आरोप लगा है।
इन आरोपों को सबसे पहले पूर्व विधायक किशोर समरीते ने उठाया, जिसके बाद जन स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
कांग्रेस का हमला और इस्तीफे की मांग
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इन आरोपों को आधार बनाते हुए मंत्री सम्पतिया उइके से इस्तीफे की मांग की है। पटवारी ने चुनौती दी है कि सरकार साबित करे कि जल जीवन मिशन की 10% से अधिक परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भौतिक सत्यापन की मांग करेंगे ताकि हकीकत सामने आ सके। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि यह घोटाला राज्य सरकार में व्यापक भ्रष्टाचार की बानगी है।
मंत्री का इनकार और सरकार का समर्थन
मंत्री सम्पतिया उइके ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। उन्होंने अपने आदिवासी पृष्ठभूमि और सेवा भावना को सामने रखते हुए कहा कि यह आरोप राजनीतिक साजिश हैं।
वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव से उन्होंने समर्थन मांगा है, जिनके जल्द इस मुद्दे पर बयान देने की उम्मीद है।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने भी मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाले की विश्वसनीयता संदिग्ध है और यह सिर्फ कांग्रेस की राजनीतिक चाल है।
सियासी तापमान और जांच की दिशा
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, राजनीतिक टकराव और तेज़ होने की संभावना है। कांग्रेस इसे व्यवस्थागत भ्रष्टाचार का प्रतीक मान रही है, वहीं बीजेपी सरकार इसे विपक्ष का दुष्प्रचार बता रही है।
अब सबकी निगाहें जांच के नतीजों और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, जो इस सियासी ड्रामे का अगला अध्याय तय करेंगे।