भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े आपराधिक मामले में अमेरिकी रासायनिक कंपनी डाउ केमिकल की कानूनी जवाबदेही पर सुनवाई अब भी भोपाल स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) हेमलता अहिरवार की अदालत में जारी रहेगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मामला भोपाल की अदालत के अधिकार क्षेत्र में आता है और अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।
डाउ केमिकल की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और रविंद्र श्रीवास्तव ने अदालत में दलील दी थी कि इस केस की सुनवाई केवल इंदौर स्थित सीबीआई कोर्ट में ही हो सकती है, क्योंकि अभियोजन एजेंसी सीबीआई है। वहीं, सीबीआई के वकील मनफूल विश्नोई और सामाजिक संगठन ‘भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन’ (BGIA) के वकील अवि सिंह और प्रसन्ना बी ने यह तर्क दिया कि गैस त्रासदी भोपाल में हुई थी, इसलिए भोपाल की अदालत पूरी तरह से सक्षम है इस केस की सुनवाई करने के लिए।
गौरतलब है कि डाउ केमिकल ने वर्ष 2000 में यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन (UCC) को खरीद लिया था, जो कि इस त्रासदी के आपराधिक मामले में पहले से ही एक उद्घोषित अपराधी (Proclaimed Offender) घोषित हो चुकी है। BGIA की ओर से अदालत में याचिका दायर कर डाउ केमिकल को मामले में पक्षकार बनाने की मांग की गई थी, जिसे स्वीकार कर अदालत ने कंपनी को समन जारी किए थे।
डाउ केमिकल ने पहले छह समनों का जवाब नहीं दिया, लेकिन सातवें समन के बाद कंपनी के वकील अदालत में पेश हुए। पिछली सुनवाई में कंपनी के वकीलों ने रुख बदलते हुए यह आपत्ति उठाई कि भोपाल की JMFC अदालत को इस मामले में सुनवाई करने का अधिकार नहीं है।
हालांकि, JMFC हेमा अहिरवार ने इस आपत्ति को खारिज करते हुए निर्णय दिया कि यह मामला भोपाल की अदालत में ही चलेगा और डाउ केमिकल की आपराधिक जिम्मेदारी की जांच जारी रहेगी।