भोपाल। जहां पुलिस विभाग और लोक निर्माण विभाग (PWD) जैसी संस्थाएं स्थानांतरण आदेशों की अवहेलना पर सख्त कार्रवाई कर रही हैं, वहीं भोपाल नगर निगम (BMC) अपनी ही नियमावली पर चलता नजर आ रहा है।
स्थानांतरण आदेश जारी हुए लगभग 24 दिन बीत चुके हैं, इसके बावजूद बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान और सहायक आयुक्त एकता अग्रवाल अब तक अपने नए कार्यस्थलों — जबलपुर और देवास — में योगदान देने नहीं पहुंचे हैं।
इसके उलट, दोनों अधिकारी भोपाल कार्यालय में अधिक सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और रिपोर्ट्स के अनुसार लंबित फाइलें घर ले जाकर निपटा रहे हैं। हालांकि अब तक इनके खिलाफ कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं की गई है।
यह स्थिति तब और चौंकाने वाली हो जाती है जब बाकी विभागों में इस तरह की अवहेलना पर कड़ी सजा दी जा रही है। कुछ दिन पहले भोपाल की डीसीपी श्रद्धा तिवारी ने आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था, जिन्होंने स्थानांतरण के 20 दिन बाद भी नई पोस्टिंग पर रिपोर्ट नहीं की थी।
इसी तरह, बुधवार को पीडब्ल्यूडी ने इंजीनियर रविशंकर चौकसे को स्थानांतरण आदेश न मानने पर निलंबित कर दिया और अन्य कर्मचारियों को चेतावनी दी कि आदेश की अवहेलना पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इस बीच, नगर निगम के कर्मचारी संगठनों ने भी उच्च अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर मांग की है कि चौहान और अग्रवाल को भोपाल से कार्यमुक्त किया जाए और नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाए। अब देखना होगा कि बीएमसी में भी नियमों का पालन होता है या विशेषाधिकारों का सिलसिला जारी रहता है।