भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा स्कूल बच्चों को ले जाने के लिए ई-रिक्शा के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद, सोमवार को प्रतिबंध लागू होने के पहले ही दिन कई स्थानों पर इसका उल्लंघन देखा गया। टीटी नगर, रोशनपुरा, शाहपुरा और कोलार जैसे इलाकों में ई-रिक्शा में बच्चों को स्कूल ले जाते हुए देखा गया, जिससे नियमों के पालन और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह प्रतिबंध जिला सड़क सुरक्षा समिति की सिफारिशों के आधार पर लगाया गया है, जो शहर में ई-रिक्शा के संचालन को नियंत्रित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। भोपाल में कुल 14,000 पंजीकृत ई-रिक्शा हैं, जिनमें से लगभग 2,000 ई-रिक्शा स्कूल बच्चों को लाने-ले जाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनमें से अधिकांश न तो पंजीकृत हैं और न ही इन्हें चलाने वाले चालक लाइसेंसधारी हैं। कई बार तो अवयस्क ड्राइवर भी ई-रिक्शा चलाते देखे गए हैं। इन अनियमितताओं के कारण दुर्घटनाएं और ट्रैफिक जाम की समस्याएं उत्पन्न हो चुकी हैं।
जिला प्रशासन ने ई-रिक्शा संचालन के लिए एक मसौदा दिशानिर्देश भी तैयार किया है, जो फिलहाल समीक्षा के अधीन है। यह प्रतिबंध भोपाल में सुरक्षित और नियंत्रित स्कूल परिवहन की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। इस प्रस्ताव पर 18 जुलाई को आयोजित ट्रैफिक समिति की बैठक में चर्चा हुई थी, जिसमें सांसद आलोक शर्मा भी मौजूद थे और ई-रिक्शा संचालन के लिए स्पष्ट नियमों की आवश्यकता पर बल दिया गया था।
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी एन.के. अहिरवार ने कहा, “हमें कलेक्टर का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए सोमवार को कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा, “प्रतिबंध लागू है, लेकिन फिलहाल कुछ नरमी बरती जा रही है ताकि अभिभावक अपने बच्चों के लिए वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था कर सकें।”