रूस-भारत संबंधों को मज़बूती देने के लिए अजीत डोभाल मास्को पहुंचे, ट्रंप की टिप्पणियों से बढ़ा दौरे का महत्व

भारत और अमेरिका के बीच रूस से तेल खरीद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल रूस की राजधानी मास्को पहुंचे हैं। उनका यह दौरा पहले से निर्धारित था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणियों के बाद इसकी अहमियत और बढ़ गई है।

इस महीने के अंत में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भी रूस जाने की संभावना है।

अमेरिका की नाराज़गी: ट्रंप की तीखी टिप्पणी

सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा,
“भारत एक अच्छा ट्रेडिंग पार्टनर नहीं रहा है। वे हमारे साथ बहुत व्यापार करते हैं, लेकिन हम उनके साथ नहीं कर पाते। हमने 25% टैरिफ तय किया था, लेकिन अब मैं अगले 24 घंटों में इसे और बढ़ाने जा रहा हूं क्योंकि वे रूसी तेल खरीद रहे हैं। वे युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं। अगर वे ऐसा करते रहेंगे, तो मुझे यह मंज़ूर नहीं है।”

ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत यूक्रेन में लोगों की मौत के बावजूद रूसी तेल से मुनाफा कमा रहा है।

डोभाल का दौरा: रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा

NSA डोभाल के इस दौरे का उद्देश्य रूस-भारत रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करना है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्ष सुरक्षा, ऊर्जा सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं।

भारत ने हमेशा अपनी स्वतंत्र विदेश नीति की बात दोहराई है और रूस से तेल खरीद को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं और राष्ट्रीय हित का मामला बताया है। ऐसे में डोभाल का यह दौरा भारत की कूटनीतिक स्थिति को स्पष्ट करने और द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

Switch Language »