मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में सड़क विकास के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करने का निर्णय लिया है। इस प्लान में राज्य राजमार्ग, प्रमुख जिला सड़कें और आंतरिक जिला सड़कें शामिल होंगी।
इसके आधार पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगा। पीडब्ल्यूडी का लक्ष्य है कि सड़क सर्वे का काम अगले छह महीनों में पूरा कर लिया जाए।
2003 से पहले प्रदेश में सड़कों की स्थिति काफी खराब थी, लेकिन भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई। नतीजतन, आज राज्य का सड़क नेटवर्क 1.5 लाख किलोमीटर से अधिक हो चुका है। इसके बावजूद नई सड़कों की मांग लगातार बनी हुई है। हाल ही में संपन्न मानसून सत्र में अधिकांश मांग पत्र सड़कों, पुलों और पुलियों से जुड़े मामलों पर केंद्रित रहे।
कैसे काम करेगा मास्टर प्लान?
मास्टर प्लान के तहत यह तय किया जाएगा कि कहां नई सड़कें बननी चाहिए, किन सड़कों को चौड़ा करना है और कहां बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता है। इससे विभिन्न सड़क निर्माण एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा।
पीडब्ल्यूडी के अलावा, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और मंडी बोर्ड भी सड़कों का निर्माण करते हैं। मास्टर प्लान से इन सभी विभागों के काम में एकरूपता लाई जाएगी।