मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए नई एकीकृत डायल-112 सेवा का शुभारंभ किया, जो अब तक चल रही डायल-100 सेवा का स्थान लेगी। इस मौके पर सीएम ने मध्य प्रदेश पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि यह पहल पुलिस की तत्परता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीएम ने कहा, “यह आपातकालीन नंबर समाज की सुरक्षा और संरक्षा प्रणाली का आधार बनेगा, जो तेज़ पुलिस प्रतिक्रिया का वादा और जनता की मदद के प्रति प्रतिबद्धता दोनों दर्शाता है।” उन्होंने आगे कहा, “आज के मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के दौर में डायल-112 सभी आपातकालीन सेवाओं के लिए ‘वन नंबर’ की अहम भूमिका निभाएगा।”
नई व्यवस्था में पुलिस कंट्रोल रूम को उन्नत तकनीक से लैस किया गया है और फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल्स (FRVs) को आधुनिक उपकरणों से सज्जित किया गया है। डायल-100 मॉडल को पहले ही उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने अपनाया है। अब तक डायल-100 ने 2.23 लाख बुजुर्ग नागरिकों, 19 लाख से अधिक महिलाओं, 1,300 नवजात शिशुओं की मदद की है और 23,000 लापता बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया है — यह एमपी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही है।
सीएम यादव ने बताया कि नई डायल-112 सेवा विभिन्न आपात स्थितियों में नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने इन वाहनों पर 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया है, जो नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रमाण है। डीजीपी कैलाश मकवाना ने डायल-112 की शुरुआत को ऐतिहासिक अवसर बताया।