भोपाल। कई विभागों के अधिकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जिसके चलते वर्ष 2024-25 के वित्तीय लेखे अधूरे हैं।
सूत्रों के अनुसार, सीएजी ने 1 अगस्त को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस स्थिति पर चिंता जताई थी। इसके बाद वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि सीएजी को मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराई जाए। लेकिन विभागों ने कोई जानकारी नहीं भेजी। अब वित्त विभाग ने दोबारा पत्र लिखकर जानकारी देने के लिए कहा है।
सीएजी ने 19 तरह की जानकारी मांगी है, जिनमें ऑफ बजट देनदारियां, अप्रदत्त बिलों के कारण देनदारियां, बैंकों में रखी धनराशि, सरकारी खातों से बाहर संचालित निधि और रिजर्व फंड नियम शामिल हैं।
महत्वपूर्ण विभाग जैसे सामान्य प्रशासन, खनिज, गृह, वन, लोक निर्माण और स्वास्थ्य विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी है। सीएजी कार्यालय ने बार-बार पत्राचार किया, लेकिन विभागों ने कोई ध्यान नहीं दिया। अधिकारियों का कहना है कि चूंकि सीएजी वित्तीय लेखों की त्रुटियां उजागर करता है, इसलिए विभाग जानबूझकर जानकारी देने से बचते हैं।
गौरतलब है कि सीएजी द्वारा तैयार वित्तीय लेखे विधानसभा में रखे जाते हैं। इन्हीं लेखों के आधार पर बजट तैयार होता है। किसी वित्तीय वर्ष के बजट संबंधी लेखों में संबंधित विभागों के कामकाज का ब्यौरा भी दर्ज किया जाता है।