14 साल पुराने रिश्वतखोरी मामले में पूर्व एलआईसी इंजीनियर को 4 साल की सजा

जबलपुर की विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व एलआईसी सहायक अभियंता योगेश अरोड़ा को 14 साल पुराने रिश्वत मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की कठोर कैद और 10,000 रुपये का जुर्माना सुनाया है।

सीबीआई ने अगस्त 2011 में यह मामला दर्ज किया था। अरोड़ा पर आरोप था कि उन्होंने एलआईसी कार्यालयों में विद्युत रखरखाव से जुड़े बिलों को पारित करने के लिए एक ठेकेदार से 20,000 रुपये रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार ने 93,000 रुपये का कार्य पूरा किया था और 35,000–40,000 रुपये के लंबित बिलों का भुगतान रुका हुआ था।

शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई टीम ने जाल बिछाया और अरोड़ा को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। एजेंसी ने जनवरी 2012 में चार्जशीट दाखिल की थी।

लंबी सुनवाई के बाद 3 सितंबर 2025 को विशेष न्यायाधीश ने अरोड़ा को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

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