क्राइम ब्रांच ने टिकमगढ़ में पकड़े गए दो अवैध हथियार कारखानों के मास्टरमाइंड्स की करोड़ों की संपत्ति चिन्हित कर ली है। अब पुलिस कानूनी प्रक्रिया अपनाकर इन संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी कर रही है।
जांच में सामने आया है कि आरोपी सुरेंद्र विश्वकर्मा और नरेंद्र परमार ने दशकों से चल रहे अवैध हथियार कारोबार के जरिए भारी संपत्ति अर्जित की। सुरेंद्र और उसके परिवार के पास 3 से 4 एकड़ जमीन, आठ दुकानें, एक ट्रैक्टर, एक लोडिंग वाहन और पांच लेथ मशीनें मिली हैं। वहीं, नरेंद्र परमार की संपत्ति इससे भी अधिक है — उसके पास 25 एकड़ कृषि भूमि और दो फार्महाउस हैं।
एडिशनल डीसीपी (क्राइम) शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि अवैध कारोबार से अर्जित संपत्ति को जब्त कर सरकारी नियंत्रण में लिया जाएगा।
पुलिस जांच से यह भी खुलासा हुआ है कि टिकमगढ़ और दतिया के अलावा यूपी के झांसी, ललितपुर, जालौन और हमीरपुर जिलों तक हथियारों की सप्लाई होती थी। कारोबार का नेटवर्क राजस्थान और बिहार तक फैला हुआ था, जिससे यह साबित होता है कि यह संगठित अंतरराज्यीय गिरोह है।
गौरतलब है कि रविवार को क्राइम ब्रांच ने छापेमारी कर दो गुप्त हथियार फैक्ट्रियों का पर्दाफाश किया था। ये फैक्ट्रियां कृषि उपकरण वर्कशॉप के नाम पर चलाई जा रही थीं। एक फैक्ट्री चंदेरी के कुदिला गांव (कुदिला थाना क्षेत्र) और दूसरी रामगढ़ गांव (जतारा थाना क्षेत्र) में पाई गई। छापे में पांच पिस्टल, कच्चा माल और ऐसे उपकरण मिले, जिनसे करीब 1000 हथियार बनाए जा सकते थे।
अब तक पुलिस सुरेंद्र, उसके साथी आनंदी और दो अन्य — सैफ अली और मुमताज अली — को गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि, दूसरा मास्टरमाइंड नरेंद्र परमार अभी फरार है। उसकी तलाश में झांसी समेत कई स्थानों पर पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।