भोपाल में महिलाओं को डिजिटल सुरक्षा उपकरणों की जानकारी बेहद कम: सर्वेक्षण

भोपाल की करीब 89% महिलाएं आधुनिक डिजिटल सुरक्षा उपकरणों के बारे में अनजान हैं, जबकि केवल 11% से भी कम महिलाएं इनका इस्तेमाल करती हैं। यह खुलासा मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MANIT) द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के एक प्रोजेक्ट के तहत किए गए सर्वे में हुआ है।

सर्वे के अनुसार, महिलाओं के मोबाइल में मिंत्रा, अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स ऐप्स तो हैं, लेकिन सुरक्षा से जुड़े ऐप्स नहीं।

सर्वे की रूपरेखा

इस अध्ययन का नेतृत्व सु्प्रिया व्यास (प्रधान अन्वेषक), नेहा प्रणव कोल्हे (सह-अन्वेषक) और जगदीश सिंह (सह-अन्वेषक) ने किया। टीम ने महिलाओं से शैक्षणिक संस्थानों, पार्कों, आवासीय इलाकों, बाजारों और पर्यटन स्थलों पर संपर्क किया।

उपयोग में आने वाले उपकरण

  • कुछ महिलाओं ने डिजिटल वॉच का उपयोग बताया। इन्हें ज्यादातर 10–18 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए माता-पिता इस्तेमाल करते हैं, जिनमें GPS ट्रैकिंग, कैमरा और लाइव ऑडियो मॉनिटरिंग जैसी सुविधाएं होती हैं।
  • आधुनिक सुरक्षा प्रणालियों में Life360, My Safetipin और Red Panic Button जैसे ऐप्स का इस्तेमाल 16–45 आयु वर्ग की महिलाएं लोकेशन ट्रैकिंग और सुरक्षा साझा करने के लिए करती हैं।
  • अधिकतर महिलाएं मुफ्त सुरक्षा ऐप्स को ही सुविधाजनक और सुलभ मानती हैं।

जागरूकता की कोशिश

सर्वे के दौरान प्रतिभागियों को Life360, My Safetipin, SHEROES, 112 India जैसे ऐप्स डाउनलोड और उपयोग करने का तरीका दिखाया गया। इसके अलावा महिलाओं को मध्यप्रदेश में संचालित महिला हेल्पलाइन 1090 के बारे में भी जानकारी दी गई।

अध्ययन का निष्कर्ष

आर्किटेक्चर एवं प्लानिंग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर सु्प्रिया व्यास ने कहा कि जागरूकता की कमी इस स्थिति की मुख्य वजह है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाएं तभी निडर होकर सफर कर पाएंगी जब वे मोबाइल ऐप्स, आपातकालीन हेल्पलाइन और स्मार्ट सुरक्षा उपकरणों का सक्रिय रूप से इस्तेमाल करेंगी।

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