अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद से ही वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल देखी जा रही है। इस स्थिति ने निवेशकों को इतना बेचैन कर दिया है कि वे अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी उम्मीद की किरण तलाश रहे हैं — चाहे वह आधी-अधूरी या झूठी खबरों के अंधेरे में ही क्यों न हो।
इसी बीच, हैमर कैपिटल नामक एक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट, जिसके केवल 1,100 फॉलोअर्स हैं लेकिन उसके पास ब्लू वेरिफिकेशन बैज मौजूद है, अचानक सुर्खियों में आ गया। इस अकाउंट ने ट्रंप प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से एक भ्रामक रिपोर्ट पोस्ट की। रिपोर्ट में दावा किया गया कि राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ पर 90 दिन की राहत देने पर विचार कर रहे हैं।
इस खबर के सामने आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में अचानक उछाल देखा गया और निचले स्तरों से जबरदस्त तेजी आई। लेकिन यह राहत ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। कुछ ही देर बाद व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि ऐसी किसी भी योजना पर विचार नहीं किया जा रहा है।
हालांकि, इस स्पष्टता के आने में करीब 20 मिनट का वक्त लग गया, और इस दौरान निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अमेरिकी शेयर बाजार में सिर्फ 20 मिनट में करीब 7 लाख करोड़ डॉलर (ट्रिलियन-डॉलर स्तर पर) की संपत्ति डूब गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे पहले हैमर कैपिटल ने इस फर्जी रिपोर्ट को X पर सुबह 10:11 बजे (ET) पोस्ट किया। रिपोर्ट में नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के सदस्य केविन हैसेट के फॉक्स न्यूज को दिए एक बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप 90 दिन की टैरिफ ब्रेक पर विचार कर रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति वही करेंगे जो वह करने का निर्णय लेंगे।”
इस अस्पष्ट बयान को हैमर कैपिटल ने राहत की घोषणा की तरह प्रस्तुत किया, जिसे देखते ही देखते कई वेरिफाइड अकाउंट्स और बड़े मीडिया हाउस ने भी शेयर करना शुरू कर दिया। इससे भ्रम और ज्यादा गहराया और बाजार में अस्थिरता फैल गई।
हालात काबू में तब आए जब व्हाइट हाउस ने आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट का खंडन जारी किया, लेकिन तब तक निवेशकों को भारी क्षति हो चुकी थी। यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर फैलाई गई झूठी जानकारी किस हद तक बाजारों को प्रभावित कर सकती है।