चिकित्सालय की चौखट पर प्रशासन की दस्तक – जनसेवा बना संकल्प
कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज विदिशा की व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण
मरीजों से सीधे संवाद कर जानी चिकित्सा सुविधाओं की वास्तविक स्थिति
द क्लिफ़ न्यूज़ विदिशा
जिले के कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता ने गत दिवस शासकीय मेडिकल कॉलेज, विदिशा से संबद्ध चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आकस्मिक चिकित्सा विभाग (इमरजेंसी), ओपीडी, रेडियोलॉजी विभाग एवं पंजीयन काउंटर का भ्रमण कर व्यवस्थाओं की स्थिति देखी और आवश्यक सुधारात्मक निर्देश जारी किए।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री गुप्ता विशेष रूप से बाल्य एवं शिशु रोग विभाग की ओपीडी में संचालित ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के लिए विशेष ओपीडी का अवलोकन किया। उन्होंने इस सेवा के तहत उपलब्ध सुविधाओं, उपचार पद्धतियों और माता-पिता को दी जा रही काउंसलिंग की जानकारी ली तथा इस कार्य की सराहना की।
मरीजों से की सीधी बातचीत, जानी व्यवस्थाओं की हकीकत
निरीक्षण के दौरान श्री गुप्ता ने भर्ती मरीजों से सीधा संवाद कर चिकित्सालय में मिलने वाले उपचार, भोजन, दवाइयों एवं अन्य सुविधाओं की वस्तुस्थिति जानी। मरीजों ने बताया कि अस्पताल में उन्हें समय पर समुचित उपचार मिल रहा है तथा अस्पताल में भर्ती के दौरान भोजन की भी समुचित व्यवस्था की जाती है।
मरीजों की सुविधा हेतु दिए निर्देश
कलेक्टर श्री गुप्ता ने निर्देशित किया कि ओपीडी क्षेत्र में मरीजों की प्रतीक्षा के लिए पर्याप्त वेटिंग चेयर की व्यवस्था की जाए। साथ ही, वार्डों में कार्यरत डॉक्टर, नर्स एवं अन्य स्टाफ के नाम व मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से दर्शाए जाएं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को किसी भी तरह की असुविधा न हो और वे संपर्क कर आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनीष निगम, सह चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश लाघवे सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों को कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि मरीजों की सुविधा और अस्पताल की स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
इस निरीक्षण से स्पष्ट हुआ कि कलेक्टर श्री गुप्ता न केवल व्यवस्थाओं की सतही समीक्षा कर रहे हैं, बल्कि मरीजों की राय लेकर जमीनी स्तर पर सुधार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कदम जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक प्रभावी पहल माना जा रहा है।