6 और 7 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तान की ओर से हुए संघर्षविराम उल्लंघन का भारतीय सेना ने सटीक और त्वरित जवाब दिया। एक भारतीय सेना के कर्नल ने जानकारी दी कि “6 और 7 मई की रात को ठीक इसी स्थान पर, जहां आप खड़े हैं, दुश्मन ने दो मोर्टार बम दागे थे। हमारे पास जैसे ही यह सूचना आई, मात्र तीन मिनट के भीतर हमने पहले से तय योजना के अनुसार दुश्मन की 13 चौकियों (बंकरों) को तबाह कर दिया।”
कर्नल ने बताया कि हर जवान पूरी तरह तैयार था, उसे अपने कमांडर और उच्च मुख्यालय द्वारा दिए गए आदेश स्पष्ट रूप से मालूम थे। उन्हें यह भी पता था कि किस हथियार का उपयोग करना है और कितनी देर तक करना है ताकि दुश्मन को अधिकतम नुकसान पहुँचाया जा सके।
सेना की उच्च सतर्कता स्थिति अभी भी बनी हुई है, ताकि पाकिस्तान की ओर से किसी भी प्रकार की आक्रामकता या संघर्षविराम उल्लंघन का तत्काल जवाब दिया जा सके।
कर्नल ने आगे कहा, “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि दुश्मन ने जो गलती 6 और 7 मई की रात की, उसे हमने इस प्रकार से दंडित किया है कि वे ऐसी कोई हरकत करने से पहले अब सौ बार सोचेंगे।”
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत
7 मई की तड़के भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक और लक्षित हमले किए। इन हमलों में कुल नौ आतंकी शिविरों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।
यह सैन्य कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सैन्य संघर्ष जारी रहा, जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने पर सहमति बनी।
भारत ने अब निर्णय लिया है कि वह विभिन्न देशों में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगा, ताकि पहलगाम हमले के मद्देनज़र आतंकवाद के प्रति अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को वैश्विक स्तर पर स्पष्ट रूप से रखा जा सके।