पहलगाम हमले पर दिए बयान के बाद मंत्री विजय शाह की नई माफी, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद बोले – “यह मेरी भाषाई भूल थी”

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान पर देशव्यापी आलोचना और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने शुक्रवार, 23 मई 2025 को एक बार फिर सार्वजनिक माफी मांगी। उन्होंने अपने बयान को “भाषाई भूल” बताया और कर्नल सोफिया कुरैशी समेत देशवासियों से क्षमा याचना की।

विजय शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी वीडियो में कहा,
“मैं पहलगाम की वीभत्स घटना से बेहद व्यथित और दुखी था। मेरी देशभक्ति और सेना के प्रति सम्मान सदैव अटल रहा है। मेरे शब्दों से किसी धर्म, समाज या व्यक्ति की भावना को ठेस पहुंची हो, तो मैं दिल से क्षमा चाहता हूं। यह मेरी भाषाई भूल थी।”

उन्होंने आगे कहा,
“मेरे शब्दों का उद्देश्य किसी भी धर्म या व्यक्ति का अपमान करना नहीं था। मैं भारतीय सेना, बहन कर्नल सोफिया और समस्त देशवासियों से हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं।”

यह बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी पूर्व माफी को अस्वीकार करते हुए उनके खिलाफ विशेष जांच दल (SIT) गठित किए जाने के कुछ दिन बाद आया है। 20 मई को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तीन सदस्यीय SIT का गठन हुआ था, जो अब मामले की जांच में जुटी है।

SIT जांच में जुटी, मंत्री से पूछताछ अभी नहीं हुई

सागर ज़ोन के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा SIT का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने The Hindu से बातचीत में कहा कि जांच प्रारंभ हो चुकी है और साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। वहीं, SIT की सदस्य आईपीएस अधिकारी वाहिनी सिंह ने बताया कि अभी विजय शाह से पूछताछ नहीं की गई है और जांच उस स्तर तक नहीं पहुंची है।

वर्मा ने कहा,
“यह संवेदनशील मामला है, इसलिए जांच से जुड़ी कोई भी जानकारी सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा। हम 28 मई को सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेंगे।”

क्या कहा था मंत्री शाह ने?

12 मई को इंदौर के समीप महू में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान विजय शाह ने एक टिप्पणी में कथित रूप से यह संकेत दिया था कि कर्नल सोफिया कुरैशी का संबंध पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों से है। इसके बाद प्रदेशभर में तीव्र विरोध हुआ, कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया, और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग उठाई।

विजय शाह, जो जनजातीय कार्य, सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन और भोपाल गैस त्रासदी राहत जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री हैं, तब से लो-प्रोफाइल में हैं और 20 मई को इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा में हुई कैबिनेट बैठक में भी अनुपस्थित रहे।

कांग्रेस ने SIT पर उठाए सवाल

विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने SIT की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा,
“क्या यह सरकार सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने के नाम पर आंख मिचौली खेल रही है? SIT में ऐसे अफसर भी हैं जिन्होंने पहले विजय शाह के अधीन कार्य किया है।”

कांग्रेस ने इस जांच को मंत्री को “बचाने का अभियान” करार दिया है।

अब सभी की नजरें 28 मई की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई और SIT की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि मंत्री विजय शाह के खिलाफ अगला कदम क्या होगा।

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