प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 मई 2025) को कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को अब ‘प्रॉक्सी वॉर’ नहीं कहा जा सकता, बल्कि यह एक सोच-समझकर अपनाई गई युद्ध नीति है, और भारत इसका उत्तर उसी के अनुरूप देगा।
गुजरात सरकार के शहरी विकास कार्यक्रम के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद के माध्यम से युद्ध लड़ रहा है। इसे प्रॉक्सी वॉर कहकर नहीं छोड़ा जा सकता, क्योंकि 6 मई की रात जिन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया, उनके शवों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडे लपेटे गए और सेना ने उन्हें सलामी दी। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह केवल छद्म युद्ध नहीं, बल्कि पाकिस्तान की एक सुव्यवस्थित युद्ध रणनीति है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान जब-जब आमने-सामने के युद्ध में भिड़े, भारतीय सेना ने पाकिस्तान को ऐसे हराया कि वह कभी भूल नहीं सका। “इस हार से सबक लेते हुए पाकिस्तान ने आतंकवाद को युद्ध का हथियार बना लिया। वह आतंकवादियों को सैन्य प्रशिक्षण देता है और उन्हें समर्थन देता है, ताकि प्रत्यक्ष युद्ध से बच सके।”
मोदी ने पाकिस्तान की आतंक नीति की तुलना एक कांटे से की जो शरीर में चुभा हो। उन्होंने कहा, “चाहे शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों न हो, एक कांटा लगातार दर्द देता रहता है। हमने तय किया है कि वह कांटा अब निकालना ही होगा।”
उन्होंने विभाजन के समय की घटना को याद करते हुए कहा, “विभाजन के साथ ही मां भारती के दो टुकड़े कर दिए गए और उसी रात कश्मीर पर पहला आतंकी हमला हुआ। मुजाहिदीन के नाम पर पाकिस्तान ने आतंकवादियों के सहारे भारत मां के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया। अगर उस समय इन मुजाहिदीनों को खत्म कर दिया जाता और सरदार पटेल की सलाह मान ली जाती, तो पिछले 75 वर्षों से जारी आतंक की यह कड़ी कभी बनी ही नहीं होती।”