भोपाल नगर निगम (BMC) के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब नए शुल्क लागू होने के पहले दिन सैकड़ों लोग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उमड़ पड़े। दोपहर 2 बजे के बाद सर्वर क्रैश हो जाने से प्रक्रिया पूरी तरह बाधित हो गई, जिससे लंबी कतारें लग गईं और आवेदकों में भारी नाराज़गी देखी गई।
नगर निगम ने अब पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है, जिसमें डिजिटल आवेदन और भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है। पहले जो रसीद आधारित ऑफलाइन प्रक्रिया थी, उसे पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। लेकिन दोपहर बाद सर्वर फेल हो जाने से हर आवेदन में 10–15 मिनट की देरी होने लगी, जिससे भीड़ संभालना मुश्किल हो गया।
BMC के कर्मचारी इस अचानक आई भीड़ से निपटने में पूरी तरह पस्त नजर आए। भीड़ लगातार बढ़ती रही और शाम होते-होते हालात और बिगड़ गए।
तकनीकी ढांचा फेल, पारदर्शिता की कोशिश बनी परेशानी
जहां यह डिजिटल बदलाव पारदर्शिता और प्रक्रिया में सुधार लाने के उद्देश्य से किया गया है, वहीं इसने निगम की तकनीकी तैयारियों की पोल खोल दी है। सर्वर की अस्थिरता और अतिरिक्त शुल्क भुगतान की बाध्यता ने लोगों की परेशानी और स्टाफ का बोझ दोनों बढ़ा दिए हैं। अब हर अतिरिक्त प्रति के लिए ₹50 का अलग भुगतान करना पड़ता है, जिससे प्रक्रिया और जटिल हो गई है।
भीड़ की असली वजह: नया सरकारी आदेश
अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में सरकार द्वारा जन्म प्रमाण पत्र को आधार, पासपोर्ट और स्कूल एडमिशन के लिए अनिवार्य कर दिए जाने से अचानक आवेदनों की संख्या बढ़ गई। 2016 से प्रमाण पत्र मुफ्त जारी किए जा रहे थे, लेकिन निगमायुक्त हरेंद्र नारायण द्वारा मंगलवार को जारी एक स्थायी आदेश के तहत शुल्क फिर से लागू कर दिया गया, जिससे लोग अचानक आए बदलाव से अनजान थे।
नई शुल्क संरचना
- 21 दिनों के भीतर आवेदन करने पर प्रमाण पत्र निःशुल्क
- 22 से 30 दिनों के बीच आवेदन पर ₹20 शुल्क
- 31 दिन से 1 वर्ष के भीतर आवेदन पर ₹50 शुल्क
- 1 वर्ष से अधिक पुराने मामलों में ₹100 शुल्क, साथ ही ₹1,000 के स्टाम्प पेपर पर शपथ-पत्र भी आवश्यक
- रिकॉर्ड खोज शुल्क: ₹20
- डुप्लीकेट प्रति: ₹50 प्रति प्रति
- अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC): ₹20
अधिकारी का बयान
जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय के रजिस्ट्रार सत्यप्रकाश बदगैंया ने फ्री प्रेस से बात करते हुए बताया कि सभी एकत्रित शुल्क सांख्यिकी विभाग के खाते में प्रतिदिन बैंक चालान के माध्यम से जमा किए जा रहे हैं। उन्होंने सर्वर में आई गड़बड़ियों को स्वीकारते हुए कहा कि बढ़ती मांग को देखते हुए अब एक बेहतर और मजबूत डिजिटल प्रणाली की आवश्यकता है।