नई दिल्ली – भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि मई में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष के दौरान भारत ने कुछ लड़ाकू विमान गंवाए। हालांकि उन्होंने गिराए गए विमानों की संख्या बताने से इनकार कर दिया और कहा कि “संख्या नहीं, कारण महत्वपूर्ण हैं।”
शांग्री-ला डायलॉग में ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा,
“जो जरूरी है वो यह नहीं कि कितने जेट डाउन हुए, बल्कि वे क्यों डाउन हुए। किस स्तर पर चूक हुई, उसे हमने पहचाना, सुधार किया और दो दिन बाद फिर सफलतापूर्वक एयर ऑपरेशन दोहराया।”
पाक के 6 विमानों को गिराने के दावे को किया खारिज
जनरल चौहान ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के उस दावे को “बिलकुल गलत” बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाक वायुसेना ने 6 भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए। उन्होंने कहा:
“ऐसे दावे तथ्यहीन हैं। कितने विमान खोए गए, इसका खुलासा नहीं करूंगा, क्योंकि असली मुद्दा यह है कि हम क्या सीख पाए और कैसे सुधार किया।”
परमाणु युद्ध का खतरा नहीं था
जनरल चौहान ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका ने भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध टाला। उन्होंने कहा:
“यह कहना बहुत खिंचा हुआ दावा (far-fetched) होगा कि दोनों देश परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के करीब थे। कई रणनीतिक स्तर होते हैं, जिनसे हालात नियंत्रित किए जा सकते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के चैनल खुले रहे, जिससे हालात पर नियंत्रण बना रहा।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
- 7 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक की सबसे भीषण सैन्य झड़प हुई थी जिसमें लड़ाकू विमानों, ड्रोन, मिसाइलों और तोपखानों का इस्तेमाल हुआ।
- इसकी शुरुआत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हुई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद करार दिया।
- इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर के तहत पाकिस्तान व पाकिस्तान- अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
चीन की मदद पर भी उठाए सवाल
पाकिस्तान द्वारा चीनी तकनीक और सैटेलाइट सपोर्ट का दावा भी जनरल चौहान ने खारिज किया। उन्होंने कहा:
“हमने 300 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान के कड़ी सुरक्षा वाले एयरबेस पर मीटर स्तर की सटीकता से प्रहार किया। पाकिस्तान के चीनी हथियार काम नहीं आए।”
अब शांति पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर
जनरल चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल संघर्षविराम बना हुआ है, लेकिन भविष्य में यह पाकिस्तान के रुख पर निर्भर करेगा। भारत ने वैश्विक मंचों पर भी इस संघर्ष को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया है।
निष्कर्ष: यह पहली बार है जब भारत ने सार्वजनिक रूप से मई संघर्ष में हुए हवाई नुकसान को स्वीकार किया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि सेना ने गलतियों से सीखा, उन्हें ठीक किया और फिर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया। परमाणु युद्ध की बात को सिरे से नकारते हुए भारत ने अपनी रणनीतिक संतुलन और पेशेवर सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया है।