मध्यप्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 में आधार कार्ड घोटाला, नौ जिलों में फैला फर्जीवाड़ा

मध्यप्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 एक बड़े आधार कार्ड घोटाले की चपेट में आ गई है, जो अब राज्य के नौ जिलों तक फैल चुका है। अब तक 21 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 22 आरोपियों की पहचान हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद न तो किसी विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है और न ही मामला स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को सौंपा गया है।

पुलिस मुख्यालय (PHQ) चयनित 6,423 अभ्यर्थियों की जॉइनिंग प्रक्रिया जारी रखे हुए है, जिनमें 5,090 पुरुष और 1,333 महिलाएं शामिल हैं। हालांकि, जॉइनिंग में उपस्थिति बेहद कम रही है—अब तक केवल लगभग 3,600 अभ्यर्थी (लगभग 70%) ही रिपोर्ट कर पाए हैं, जबकि मार्च में आदेश जारी हुए एक महीना से अधिक हो चुका है। गुरुवार तक सिर्फ 198 नियुक्ति पत्र ही जारी किए गए थे।

इस भर्ती में अनियमितताएं कई जिलों में सामने आई हैं—मुरैना से 7, शिवपुरी से 6, श्योपुर से 2, और इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ़ और शहडोल से 1-1 मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा एक आरोपी को पटना (बिहार) और एक को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि मामले की गंभीरता बढ़ रही है, लेकिन IG (कानून एवं व्यवस्था) अंशुमान सिंह का कहना है कि राज्य पुलिस जांच में बेहतर कार्य कर रही है और SIT या STF की जरूरत नहीं है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, PHQ के उच्च अधिकारी इस निर्णय पर पुनर्विचार कर रहे हैं और जल्द ही जांच किसी विशेष एजेंसी को सौंपे जाने का फैसला हो सकता है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2023 की प्रक्रिया में प्राप्त गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की जानकारी पर मैंने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करने वाले ऐसे आपराधिक कृत्य मध्यप्रदेश में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।”

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पुलिस मुख्यालय सभी चयनित अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की जांच कर रहा है। जहां भी फर्जीवाड़ा या पहचान में धोखाधड़ी की संभावना पाई गई है, वहां केस दर्ज किए जा रहे हैं और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जांच में यह सामने आया है कि कुछ आधार कार्ड विक्रेताओं ने बिना सत्यापन के अभ्यर्थियों के डाटा में हेरफेर कर अवैध लाभ प्राप्त किया। IG अंशुमान सिंह के अनुसार, अब तक गिरफ्तार किए गए 22 आरोपियों में से दो आधार विक्रेता और चार सॉल्वर हैं। अभी तक किसी महिला या सरकारी कर्मचारी की संलिप्तता सामने नहीं आई है।

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