छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में सोमवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED विस्फोट में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कांटा डिवीजन) आकाश राव गिरेपुंजे शहीद हो गए, जबकि दो अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए। यह घटना डोंड्रा गांव के पास तब हुई जब ASP और उनकी टीम एक जली हुई मशीन की सूचना मिलने पर पैदल गश्त कर रही थी।
पुलिस के अनुसार, जैसे ही जवान मौके पर पहुंचे, वहां पूर्व-नियोजित IED विस्फोट हुआ। इस हमले में एसडीओपी भानुप्रताप चंद्राकर और थाना प्रभारी सोनल गवाला भी घायल हो गए। सभी को तत्काल उपचार के लिए कांटा अस्पताल पहुंचाया गया, जहां गिरेपुंजे की गंभीर हालत के चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका।
42 वर्षीय आकाश राव गिरेपुंजे रायपुर जिले के निवासी थे और 2013 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी थे। वह मन्हपुर-मोहला और सुकमा जैसे संवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात रह चुके थे और बहादुर अफसरों में गिने जाते थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने X (पूर्व ट्विटर) पर शोक जताते हुए कहा, “यह बेहद दुखद है। मैं उनके शौर्य को नमन करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि “नक्सलियों को इस कायराना हमले की कीमत चुकानी होगी और जल्द ही छत्तीसगढ़ से उनका अस्तित्व मिटा दिया जाएगा।”
राज्य के गृह मंत्री और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी गिरेपुंजे की शहादत को नमन करते हुए कहा, “सरकार नहीं चाहती कि एक भी गोली चले, लेकिन नक्सली मुख्यधारा में लौटें और पुनर्वास योजना का लाभ उठाकर समाज के विकास में भागीदार बनें।”
घायल अधिकारियों की हालत अब स्थिर बताई गई है और उन्हें आगे के इलाज के लिए रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। वहीं, शहीद गिरेपुंजे के पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार के लिए रायपुर लाया जा रहा है।
पुलिस विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया, “शहीद गिरेपुंजे का बलिदान हमारे संकल्प को और दृढ़ करेगा कि हम माओवादी संगठन जैसे निर्दयी और षड्यंत्रकारी तंत्र को पूरी तरह समाप्त कर देंगे।”