मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐशबाग स्टेडियम के पास हाल ही में तैयार हुआ रेल ओवरब्रिज (RoB) उद्घाटन से पहले ही विवादों में घिर गया है। 648 मीटर लंबा और 8.5 मीटर चौड़ा यह पुल करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से बना है। इस पुल के एक छोर पर बना तीव्र 90 डिग्री का मोड़ स्थानीय निवासियों और सोशल मीडिया यूज़र्स के लिए चिंता का विषय बन गया है। लोगों को आशंका है कि यह मोड़ भविष्य में हादसों का कारण बन सकता है।
यह पुल महमाई का बाग, पुष्पा नगर, स्टेशन क्षेत्र और न्यू भोपाल के बीच यातायात को सुगम बनाने और ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग पर होने वाले लंबे इंतजार को खत्म करने के उद्देश्य से बनाया गया है। राज्य सरकार के अनुसार, मार्च 2023 में शुरू हुए इस पुल के निर्माण से रोज़ाना लगभग तीन लाख लोगों को लाभ होगा और उनका सफर सुगम बनेगा।
हालांकि, इसके डिज़ाइन को लेकर लोगों में भारी नाराज़गी है। पुल के एक छोर पर बना 90 डिग्री का तीव्र मोड़ सोशल मीडिया पर बहस का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मनीष चौधरी ने टिप्पणी की, “यह भोपाल का ऐशबाग ओवरब्रिज है — जिसे बनाने में PWD को 10 साल लग गए, जैसे कोई इंजीनियरिंग का चमत्कार हो। जब सत्ता भ्रष्ट सरकारों के हाथ में होती है, योजनाएं किताबों में बंद अयोग्य योजनाकार बनाते हैं, और इंजीनियर डोनेशन से डिग्री लेते हैं, तो पुल नहीं, आपदा बनती है।”
एक अन्य यूज़र मुकेश ने लिखा, “मौत अब 90 डिग्री एंगल पर आएगी। यह है राजधानी भोपाल में विकास का एंगल। इस पुल पर 18 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।”
विवादों के बीच परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने डिज़ाइन का बचाव किया है। लोक निर्माण विभाग (सेतु विभाग) के मुख्य अभियंता वी.डी. वर्मा ने समाचार एजेंसी को बताया, “मेट्रो स्टेशन के कारण भूमि उपलब्ध नहीं थी। भूमि की कमी के कारण और कोई विकल्प नहीं था। इस ओवरब्रिज का उद्देश्य दोनों कॉलोनियों को जोड़ना है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पुल से केवल छोटे वाहनों को ही गुजरने की अनुमति होगी और संचालन पूरी सुरक्षा व्यवस्था व इंडियन रोड कांग्रेस के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
वहीं, PWD मंत्री राकेश सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जब कोई पुल बन जाता है, तब अचानक विशेषज्ञ पैदा हो जाते हैं और इस तरह की बातें करते हैं। किसी भी पुल के निर्माण में कई तकनीकी पहलुओं का ध्यान रखा जाता है। यदि कोई आरोप है, तो उसकी जांच की जाएगी।”
गौरतलब है कि ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग के बंद होने के बाद इस पुल की मांग लंबे समय से की जा रही थी, क्योंकि इससे रोजाना के यात्रियों को भारी परेशानी हो रही थी।