प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस के लिमासोल में आयोजित India-Cyprus CEO Forum को संबोधित करते हुए भारत की तेज़ आर्थिक प्रगति, स्थिर नीतियों और डिजिटल क्रांति को रेखांकित किया। यह दौरा किसी भारतीय प्रधानमंत्री का बीते 23 वर्षों में पहला साइप्रस दौरा है, और इसकी शुरुआत आर्थिक मंच से होने को प्रधानमंत्री ने रिश्तों में आर्थिक सहयोग की अहमियत बताया।
भारत: दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और निकट भविष्य में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
“बीते एक दशक में भारत आर्थिक दृष्टि से बेहद तेज़ी से बढ़ा है। आज भारत स्पष्ट और स्थिर नीति के साथ आगे बढ़ रहा है।”
व्यापार और निवेश को लेकर बड़े सुधार
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने एक राष्ट्र, एक कर नीति (GST), कॉर्पोरेट टैक्स में बदलाव, और हज़ारों पुराने कानूनों को अपराधमुक्त (decriminalised) कर व्यापारिक माहौल को सरल बनाया है। साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ट्रस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया गया है।
डिजिटल क्रांति और UPI की ताकत
प्रधानमंत्री ने भारत में हुई डिजिटल क्रांति पर प्रकाश डाला और बताया कि विश्व के 50% डिजिटल ट्रांज़ैक्शन भारत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के माध्यम से होते हैं। उन्होंने साइप्रस को भी UPI नेटवर्क से जोड़ने की पेशकश की, जैसा कि फ्रांस जैसे देश कर चुके हैं।
नवाचार और स्टार्टअप भारत की नई पहचान
“भारत में 1 लाख से अधिक स्टार्टअप हैं, जिनमें सैकड़ों यूनिकॉर्न हैं। ये केवल सपने नहीं, समाधान बेचते हैं।”
मोदी ने बताया कि भारत में नवाचार अब आर्थिक शक्ति का स्तंभ बन चुका है।
मेक इन इंडिया और मैन्युफैक्चरिंग मिशन
प्रधानमंत्री ने भारत के Manufacturing Mission का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, सेमीकंडक्टर, बायोटेक और ग्रीन डेवलपमेंट के क्षेत्रों में वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
“हम हर वर्ष 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश भविष्य की अधोसंरचना में कर रहे हैं। पोर्ट और मरीन विकास, शिपबिल्डिंग, एविएशन — सभी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”
हरित विकास और ऊर्जा लक्ष्यों की ओर बढ़ता भारत
भारत 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। रेलवे को 100% कार्बन न्यूट्रल बनाने और ग्रीन शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रयास जारी हैं। AI, Quantum, Critical Minerals और Nuclear Power Missions को भारत के नए विकास इंजन बताया गया।
भारत-साइप्रस व्यापार संबंधों की नई संभावनाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत-साइप्रस के बीच 150 मिलियन डॉलर का व्यापार है, लेकिन दोनों देशों के रिश्तों की संभावनाएं इससे कहीं अधिक हैं। उन्होंने साइप्रस को यूरोप के लिए एक द्वार मानते हुए भारतीय कंपनियों के सहयोग की सराहना की।
निवेशकों को भारत आने का आमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के नीति माहौल, विशाल बाज़ार और युवा प्रतिभा का हवाला देते हुए साइप्रस और यूरोपीय निवेशकों को भारत में को-डेवलप, को-डिज़ाइन और को-प्रोड्यूस करने का आमंत्रण दिया।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी का यह ऐतिहासिक दौरा भारत और साइप्रस के आर्थिक रिश्तों को नई गति देने वाला है। भारत की वैश्विक आर्थिक ताकत, डिजिटल क्षमताएं और नवाचार का विस्तार निवेशकों के लिए एक अद्भुत अवसर बन रहा है — और मोदी सरकार इसे एक वैश्विक साझेदारी में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है।