ग्रामीण पर्यटन से आत्मनिर्भरता की ओर मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया 241 होमस्टे का लोकार्पण, पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को ‘ग्रामीण रंग – पर्यटन संग’ राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान कहा कि ग्रामीण पर्यटन न केवल सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करता है, बल्कि युवाओं के लिए स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित करता है। यह कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते होमस्टे नेटवर्क को ‘अतिथि देवो भव’ की भावना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज, ग्रामीण विकास और जनजातीय कार्य विभागों के सहयोग से होमस्टे ऑपरेटरों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि पर्यटकों को सर्वोत्तम सेवाएं मिल सकें।

रूरल टूरिज्म को मिलेगा डिजिटल बूस्ट

सीएम ने रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन की एक विशेष माइक्रोसाइट लॉन्च की, जिससे ग्रामीण पर्यटन की डिजिटल बुकिंग और जानकारी आसानी से सुलभ होगी। साथ ही, 241 गांवों में स्थापित होमस्टे का वर्चुअल लोकार्पण भी किया गया। ये होमस्टे पर्यटकों को स्थानीय व्यंजन, रीति-रिवाज और कला के माध्यम से असली ग्रामीण अनुभव प्रदान करेंगे।

चार महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर

कार्यक्रम में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए:

  1. पंतजलि दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के साथ ग्रामीण विकास और पर्यटन ढांचे के लिए समझौता।
  2. सिग्निफाई इनोवेशंस इंडिया लिमिटेड के साथ पर्यटक गांवों में ऊर्जा दक्ष प्रकाश व्यवस्था हेतु साझेदारी।
  3. स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के साथ पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास हेतु समझौता।
  4. MPSTDC और MPTB के बीच डिजिटल होमस्टे इंटीग्रेशन हेतु समझौता।

टाइगर स्टेट में 526% की पर्यटक वृद्धि

सीएम यादव ने कहा कि 2024 में पर्यटन में 526% की वृद्धि हुई है, जो ग्रामीण पर्यटन की सफलता को दर्शाता है। कन्हा, पेंच और बांधवगढ़ जैसे राष्ट्रीय उद्यानों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। राज्य बाघों की संख्या और वन्यजीव विविधता में देश में पहले स्थान पर है।

हेलिकॉप्टर सेवा और वेलनेस समिट की घोषणा

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीएम ने राज्य पर्यटन बोर्ड द्वारा हेलिकॉप्टर सेवाओं की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने एक वेलनेस समिट आयोजित करने की भी बात कही, जिसमें धार्मिक, वन्यजीव और स्वास्थ्य पर्यटन को शामिल किया जाएगा।

सम्मान और प्रदर्शनियों से सजी शाम

कार्यक्रम के दौरान 10 ज़िलों के कलेक्टरों को होमस्टे लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा 16 ग्राम पंचायतों और संस्थाओं को ग्रामीण पर्यटन में विशेष योगदान के लिए सम्मान मिला। मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्प प्रदर्शनियों का अवलोकन किया और मिट्टी की कला, मंडना, चित्रा, बांस कला, गोंड पेंटिंग, हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग और वस्त्र कारीगरी से जुड़े कलाकारों से संवाद भी किया।

भविष्य की योजना: 1,000 होमस्टे का लक्ष्य

पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी ने बताया कि पिछले साल 13.41 करोड़ पर्यटकों ने राज्य का दौरा किया। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 1,000 ग्रामीण होमस्टे स्थापित किए जाएं। इसके तहत महिलाओं को आतिथ्य क्षेत्र में प्रशिक्षित कर 10,000 से अधिक महिला उद्यमियों को सशक्त किया गया है।

यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश को न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर उभारने की दिशा में एक सशक्त पहल सिद्ध होगा।

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