भोपाल। शुक्रवार को कांग्रेस पार्षदों ने संभागायुक्त संजीव सिंह को ज्ञापन सौंपा और भोपाल नगर निगम (बीएमसी) की परिषद की बैठक तत्काल बुलाने की मांग की। पार्षदों ने बताया कि 3 जून को होने वाली अगली बैठक न तो आयोजित की गई और न ही इसके स्थगन को लेकर कोई स्पष्टीकरण दिया गया, जिससे जनप्रतिनिधियों में नाराजगी है।
नगर निगम नियमों के अनुसार, परिषद की बैठक हर दो महीने में कम से कम एक बार अनिवार्य है। पिछली बैठक 3 अप्रैल को हुई थी, जिसमें वार्षिक बजट पारित किया गया था और अगली बैठक 3 जून को निर्धारित थी।
नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) शबिस्ता जाकी के नेतृत्व में पार्षदों ने शहर में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जलभराव, जल निकासी की खराब व्यवस्था और अन्य नागरिक समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया। जाकी ने कहा, “जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। परिषद की बैठक बुलाना अब और टालना ठीक नहीं है।”
सूत्रों के अनुसार, बैठक में देरी का एक कारण औपचारिक एजेंडे का अभाव और मेयर-इन-काउंसिल (MIC) की अनियमित बैठकें हैं। एमआईसी की आखिरी बैठक 9 जून को हुई थी, जबकि इससे पहले की बैठकें अगस्त, सितंबर और दिसंबर 2024 में बुलाई गई थीं।
जाकी ने महापौर पर संशोधित बजट को लेकर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि नगर निगम के विभिन्न विभागों में 600 से अधिक फाइलें लंबित हैं। उन्होंने कहा, “अगर बजट में कोई गलती हुई है, तो उसे स्वीकारने में हिचक क्यों? जन समस्याओं के समाधान के लिए परिषद की बैठक आवश्यक है।”
नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने भी बैठक बुलाने पर जोर दिया और कहा, “एजेंडा न हो तब भी परिषद को बुलाया जा सकता है ताकि मानसून से पहले जलभराव, क्षतिग्रस्त सड़कें और नालों की सफाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा सके।” उन्होंने कहा कि पार्षदों को अपने वार्ड की समस्याओं को रखने के लिए मंच मिलना चाहिए, इससे पहले कि बारिश से हालात और बिगड़ जाएं।