रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उधमपुर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारतीय सेना को किया सलाम, कहा– ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ

उधमपुर, जम्मू-कश्मीर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह की अगुवाई की और इस अवसर पर भारतीय सेना के जवानों से मुलाकात की। उन्होंने हाल ही में चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” में सेना के शौर्य की सराहना की और स्पष्ट संदेश दिया कि यह अभियान अब भी जारी है।

रक्षा मंत्री ने कहा, “आपका पराक्रम पूरे देश में सम्मानित है। मैं भारतीय सेना के साहस और वीरता को सलाम करता हूं।” उन्होंने बताया कि पाहलगाम में हुए आतंकी हमले को केवल सीमा पार से आया एक हमला मानना गलत होगा, बल्कि यह भारत की सामाजिक और सांप्रदायिक एकता पर सीधा हमला था।

उन्होंने कहा, “हमने न केवल दुश्मन की साजिश को विफल किया बल्कि ऐसा करारा जवाब दिया कि पाकिस्तान को झुकना पड़ा और ऑपरेशन सिंदूर को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। लेकिन हम फिर दोहराते हैं– ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है।”

राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को केवल एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के एयर स्ट्राइक का स्वाभाविक विस्तार बताया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “भारत की धरती पर कोई भी आतंकी हमला अब पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ेगा।”

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान भारत को भीतर से कमजोर करना चाहता है, लेकिन वह भूल जाता है कि भारत की अखंडता के लिए मेजर सोमनाथ शर्मा और ब्रिगेडियर उस्मान जैसे वीरों ने बलिदान दिया है। आज मैं उधमपुर में हूं, नौशेरा से कुछ ही दूर, जहां ब्रिगेडियर उस्मान ने भारत मां के लिए प्राण न्योछावर किए थे।”

योग दिवस पर दिया एकता का संदेश

योग दिवस के महत्व पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “योग का मतलब है– ‘संयोग’, यानी जोड़ना। जब तक समाज का हर वर्ग भारत की सांस्कृतिक भावना से नहीं जुड़ता, तब तक राष्ट्रीय एकता का चक्र अधूरा है। इसलिए आज हमें केवल शारीरिक योग ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक एकता का भी अभ्यास करना चाहिए।”

उन्होंने बताया कि आज पूरा देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया योग को अपना रही है, जो भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा का प्रमाण है। उन्होंने योग को आंतरिक नियंत्रण और तनाव प्रबंधन का माध्यम बताया।

इस वर्ष के योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” को लेकर उन्होंने कहा, “यह विषय भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की सोच को दर्शाता है, जिसमें पूरी दुनिया को एक परिवार माना गया है।”

राजनाथ सिंह 20 जून को उधमपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने सेना के जवानों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और ‘बड़ा खाना’ में भी भाग लिया।

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