विदिशा में स्मार्ट मीटर बना सिरदर्द: 69 लाख का बिजली बिल देखकर बुजुर्ग अस्पताल में भर्ती

मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में स्मार्ट मीटर से जुड़े बिलिंग घोटाले ने हड़कंप मचा दिया है। 65 वर्षीय मुरारीलाल तिवारी को 69.75 लाख रुपये का बिजली बिल मिलने के बाद ब्लड प्रेशर बढ़ गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह मामला अकेला नहीं है—शहर में दर्जनों लोगों को लाखों रुपये के फर्जी बिजली बिल थमाए गए हैं।

219 यूनिट खपत, लेकिन 69 लाख का बिल

होम गार्ड रोड निवासी मुरारीलाल तिवारी अपनी पत्नी के साथ रहते हैं और बहुत कम बिजली उपयोग करते हैं। उनके स्मार्ट मीटर में सिर्फ 219 यूनिट खपत दर्ज हुई थी, फिर भी उन्हें पिछले महीने 69.75 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। तिवारी ने बिजली विभाग में लिखित शिकायत दी, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। उल्टा, इस बार के बिल में ₹1 लाख का जुर्माना भी जोड़ दिया गया।

पड़ोसी को भी 68 लाख का बिल

तिवारी के पड़ोसी महेन्द्र सिंह रघुवंशी को भी ₹68 लाख का बिल मिला है। यही नहीं, अज्ञा राम कॉलोनी जैसी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले मजदूर परिवारों को भी लाखों के बिल दिए गए हैं, जबकि वे हर महीने सिर्फ ₹100 से ₹200 का बिजली बिल चुकाया करते थे।

बिना जानकारी लगाए गए स्मार्ट मीटर

स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्मार्ट मीटर बिना किसी पूर्व सूचना या सहमति के लगाए गए थे। उन्होंने बिजली विभाग और प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

बिजली विभाग ने बताया ‘सॉफ्टवेयर गड़बड़ी’

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिलिंग सिस्टम में सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के कारण यह समस्या आई है। अब तक लगभग 15 ऐसे मामले चिह्नित किए गए हैं जिनमें भारी त्रुटियां पाई गई हैं। स्मार्ट मीटर केंद्र सरकार की एक योजना के तहत लगाए गए थे, जिसका उद्देश्य पारदर्शी और सटीक बिलिंग सुनिश्चित करना था।

नागरिकों में गहरा रोष, जांच की मांग तेज

इस पूरे मामले ने शहरवासियों में गुस्सा फैला दिया है। नागरिक संगठन और स्थानीय लोग इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं, ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो और उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।

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