विश्व सोशल मीडिया दिवस पर IGRMS में चर्चा: सोशल मीडिया बना सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम – अनिल गुलाटी

भोपाल स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय (IGRMS) में विश्व सोशल मीडिया दिवस के अवसर पर एक विशेष संवाद और चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डिजिटल मीडिया की वर्तमान भूमिका, उपयोगिता और सामाजिक प्रभाव को लेकर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूनिसेफ मध्यप्रदेश के चीफ ऑफ फील्ड (कार्यवाहक) अनिल गुलाटी ने कहा,
“डिजिटल प्लेटफॉर्म आज केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की एक प्रभावी शक्ति बन गए हैं।”
उन्होंने यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे ‘हेल्दी डाइट्स’ अभियान का ज़िक्र करते हुए उपस्थित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से आग्रह किया कि वे इस मुहिम को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से आगे बढ़ाएं।

पुष्पा अवस्थी, न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट और कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि ने ‘मेरी थाली, मेरी सेहत’ थीम पर अपने विचार रखते हुए कहा,
“स्वस्थ जीवन की शुरुआत हमारी थाली से होती है। बचपन में पोषक आहार से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उनका शारीरिक व मानसिक विकास तेज़ी से होता है।”
उन्होंने कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने खानपान और स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

आकाशवाणी मध्यप्रदेश के प्रमुख समन्वयक राजेश भट्ट ने परंपरागत और डिजिटल मीडिया के समन्वय पर कहा,
“रेडियो और सोशल मीडिया मिलकर जनसंचार के नए आयाम गढ़ सकते हैं।”

संग्रहालय के निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे ने कहा कि
“सोशल मीडिया ने हमारी सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर तक पहुंचाया है। यह संग्रहालयों और आम जनता के बीच एक सेतु की तरह कार्य कर रहा है।”

शिवानी राजपूत, एक सोशल मीडिया प्रोफेशनल, ने बताया कि सोशल मीडिया का उपयोग हम किस प्रकार सकारात्मकता फैलाने और जन-जागरूकता के लिए कर सकते हैं।

इस अवसर पर सोशल मीडिया और डिजिटल कंटेंट निर्माण से जुड़े कई विशेषज्ञ उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने स्वस्थ आहार, पोषण जागरूकता, और डिजिटल मीडिया के माध्यम से सामाजिक सुधार की दिशा में किए जा रहे अपने प्रयासों को साझा किया।

कार्यक्रम में संग्रहालय की डिजिटल पहलों को प्रदर्शित किया गया और IGRMS की एक फिल्म डॉक्युमेंट्री भी प्रस्तुत की गई।

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