घरेलू हिंसा से उबरी महिलाएं अब जल्द ही डिलीवरी एजेंट और बाइक टैक्सी ऑपरेटर के रूप में सड़कों पर नजर आएंगी। यह पहल ‘सक्षम परियोजना’ के तहत शुरू की जा रही है, जो एक्शन एड एसोसिएशन और महिला मंच फाउंडेशन (MMF) की संयुक्त पहल है। इसका उद्देश्य महिलाओं को ऐसे क्षेत्रों में रोजगार और प्रशिक्षण देना है, जो अब तक पुरुष प्रधान माने जाते रहे हैं।
प्रारंभ में, गौरवी वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर से जुड़ी लगभग 30 महिलाओं को स्कूटर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें ब्लू डार्ट, ज़ोमैटो, स्विगी, रैपिडो जैसी नामचीन कंपनियों के साथ काम करने के लिए तैयार किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत भोपाल से होगी और बाद में इसे इंदौर में भी लागू किया जाएगा।
एक्शन एड इंडिया की सौम्या सक्सेना ने कहा,
“यह पहल न केवल महिलाओं को स्थायी रोजगार के अवसर देती है, बल्कि डिलीवरी प्लेटफॉर्म जैसे क्षेत्रों में उन्हें प्रतिनिधित्व दिलाकर लैंगिक रूढ़ियों को भी तोड़ती है।”
प्रशिक्षण में स्कूटी चलाना, सड़क सुरक्षा और सॉफ्ट स्किल्स शामिल होंगी, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और गतिशीलता हासिल कर सकेंगी। पहली बैच में लगभग 15 महिलाएं शामिल होंगी और स्कूटी चलाने के लिए प्रशिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। जल्द ही एक खुला स्थान चिन्हित किया जाएगा जहां प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
सौम्या ने बताया कि इससे पहले महिलाओं को ऑटो और टैक्सी चलाने का प्रशिक्षण देने के प्रयास हुए थे, लेकिन वे अपेक्षित परिणाम नहीं दे सके। उन्होंने कहा,
“महिलाएं ऑटो या कैब सेवाओं में सहज महसूस नहीं करतीं। बाइक या स्कूटी उनके लिए ज्यादा अनुकूल माध्यम है।”
यह अभियान महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को भी नई पहचान देगा।