गुना। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 2024 में हुए देवा पारधी की कथित पुलिस हिरासत में मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सब-इंस्पेक्टर देवराज सिंह परिहार को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के मई 2025 में दिए गए निर्देश के बाद की गई है, जिसमें CBI को जांच सौंपते हुए एक माह के भीतर आरोपी की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था।
CBI की टीम बुधवार सुबह गुना पहुंची और देवराज सिंह को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से गिरफ्तार किया। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी की नजर अब अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी है, जिनमें तत्कालीन म्याना थाना प्रभारी संजीत मावई और सहायक उप निरीक्षक उत्तम सिंह शामिल हैं। जल्द ही अन्य गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
शादी से कुछ घंटे पहले हिरासत, अगली सुबह मौत
देवा पारधी (25), जो बिलाखेड़ी गांव का रहने वाला था, 15 जुलाई 2024 को म्याना पुलिस द्वारा चोरी के एक मामले में हिरासत में लिया गया था, वह भी अपनी शादी से चंद घंटे पहले। उनके साथ उनके चाचा गंगाराम को भी पकड़ा गया था।
अगले ही दिन, देवा के परिवार को अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष से उनके शव की सूचना मिली, जिससे पूरे पारधी समाज में आक्रोश फैल गया। म्याना थाने में पूछताछ के दौरान पुलिस द्वारा टॉर्चर कर हत्या का आरोप परिवार और समुदाय द्वारा लगाया गया।
विरोध और आत्मदाह की कोशिश
घटना के बाद देवा की मंगेतर और बुआ ने आत्मदाह का प्रयास किया, वहीं दो दिन बाद पारधी समुदाय की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर दोषियों की गिरफ्तारी और न्याय की मांग की। देवा की मां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद मई 2025 में मामला CBI को सौंपा गया।
लगातार तीन मौतें, टूट गया परिवार
इस घटना से देवा का परिवार पूरी तरह टूट गया। न्यायिक जांच के दौरान देवा के भाई सिंदबाज़ पारधी ने आत्महत्या कर ली। परिजनों के अनुसार, देवा की मौत के बाद से ही सिंदबाज़ मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुका था, और परिवार के न्याय के संघर्ष को लेकर बेहद चिंतित रहता था।
यह छह महीने के भीतर परिवार की तीसरी मौत थी। पहले सबसे बड़े भाई चिकन पारधी की सड़क दुर्घटना में मौत, फिर देवा की पुलिस हिरासत में मौत, और अब सिंदबाज़ की आत्महत्या, जिससे परिवार पूरी तरह से शोक में डूबा हुआ है।
पुलिस का पक्ष और परिवार का आरोप
पुलिस का कहना है कि देवा पारधी 2019 से भोपाल और राजगढ़ में दर्ज चोरी के मामलों में वांछित था और पूछताछ के दौरान कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हुई। वहीं परिवार का आरोप है कि देवा पूरी तरह स्वस्थ था और पुलिस ने पूछताछ के दौरान अत्यधिक मारपीट की, जिससे उसकी जान गई।
CBI की आगे की कार्रवाई
CBI की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पूरे घटनाक्रम में कई पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। जांच एजेंसी अब अन्य अधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही अधिक गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
यह मामला हिरासत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और पुलिस बर्बरता को लेकर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। CBI की जांच पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं।