नई दिल्ली/बेंगलुरु। कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी अटकलों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने गुरुवार को कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला से राजधानी दिल्ली में मुलाकात की।
हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने स्पष्ट किया कि बैठक में नेतृत्व परिवर्तन से जुड़ी कोई चर्चा नहीं हुई। बैठक में राज्य की संगठनात्मक स्थिति, लगभग 60 निगमों और बोर्डों में लंबित नियुक्तियों और विधायकों से मिले फीडबैक को लेकर बातचीत हुई।
सुरजेवाला ने साझा किया विधायकों से मिला फीडबैक
पार्टी सूत्रों के अनुसार, सुरजेवाला ने हाल ही में राज्य के दौरे के दौरान 104 विधायकों से मुलाकात की थी। उन्होंने इस दौरान मिले फीडबैक को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के साथ साझा किया। बैठक को पूरी तरह से संगठनात्मक चर्चा बताया गया।
सिद्धारमैया बोले – “सीएम पद खाली नहीं, मैं ही मुख्यमंत्री हूं”
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट रूप से कहा, “डी. के. शिवकुमार ने जो कहा है, मैं भी वही कह रहा हूं। मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है। मैं आपके सामने खड़ा हूं और मैं ही कर्नाटक का मुख्यमंत्री हूं।”
उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। “रणदीप सुरजेवाला ने स्पष्ट कहा है कि नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। फिर भी अगर अफवाहें उड़ रही हैं, तो उनका कोई आधार नहीं है।”
शिवकुमार ने भी बदलाव की बात से किया इनकार
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार भी पहले ही इन अटकलों को सार्वजनिक रूप से नकार चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पार्टी नेतृत्व जो निर्णय लेगा, वह उन्हें मान्य होगा।
पावर शेयरिंग फॉर्मूले पर भी बोले सीएम
जब सिद्धारमैया से पूछा गया कि क्या दो साल बाद नेतृत्व परिवर्तन का कोई आंतरिक समझौता था, तो उन्होंने कहा, “ऐसे सवाल सरकार के ढाई साल पूरे होने पर स्वाभाविक हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई समझौता था। अगर ऐसा कोई समझौता होता, तो मैं हाल ही में यह नहीं कहता कि मैं पांच साल तक मुख्यमंत्री रहूंगा।”
“हाईकमान का फैसला अंतिम”
सिद्धारमैया ने कहा, “अगर कोई व्यक्तिगत राय रखता है, तो क्या वह पार्टी का फैसला हो सकता है? इस पर (मल्लिकार्जुन) खड़गे और राहुल गांधी को बोलना चाहिए। पार्टी का अंतिम निर्णय हाईकमान द्वारा लिया जाएगा।”
इस बीच कांग्रेस नेतृत्व ने फिलहाल किसी भी तरह के बदलाव की संभावना से इनकार किया है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि कर्नाटक में फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन की कोई योजना नहीं है।