पडरा तालुका के मुजपुर-गांभीरा के पास हुए भीषण पुल हादसे के पांचवें दिन शुक्रवार को रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। अब तक कुल 18 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि दो लोगों की तलाश अभी भी जारी है। रेस्क्यू टीम विषम परिस्थितियों और गंभीर जोखिमों के बीच लगातार कार्य कर रही है।
सल्फ्यूरिक एसिड से खतरा बढ़ा
वडोदरा के कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया कि नदी में डूबा हुआ 98 प्रतिशत सांद्रता वाला सल्फ्यूरिक एसिड से भरा टैंकर रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसके अलावा पानी में फैले सोडा ऐश के कारण बचाव दल को त्वचा पर जलन और खुजली जैसी समस्याएं भी हो रही हैं।
रात 10 बजे रोका गया ऑपरेशन, 18 शव मिले
गुरुवार रात पानी का स्तर बढ़ने के कारण ऑपरेशन रात 10 बजे रोकना पड़ा। उस समय तक 18 शव बरामद किए जा चुके थे। हादसे के बाद शुरू में सात लोगों के लापता होने की सूचना थी, जो शुक्रवार सुबह एक नए अपडेट के बाद बढ़कर आठ हो गई। पहले दिन 12 शव मिले थे, उसके बाद छह और शवों को गुरुवार को बाहर निकाला गया।
अब सिर्फ दो शवों की तलाश जारी
शुक्रवार को रेस्क्यू टीम का सारा ध्यान शेष दो शवों की खोज पर केंद्रित है। पानी में डूबे अधिकतर वाहन — मुख्यतः दोपहिया — निकाल लिए गए हैं और उनके सवारों की पहचान कर ली गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि अब और शव या वाहन मिलने की संभावना कम है।
ब्रिज का स्लैब हटाने की तैयारी
जैसे ही दोनों शव मिल जाते हैं, पुल के बचे हुए स्लैब को हटाने का काम शुरू होगा, ताकि मलबा और संपत्ति को पूरी तरह से निकाला जा सके। एक ट्रक जो अभी भी फंसा हुआ है, उसे निकालने के लिए पुलर मैकेनिज्म का उपयोग किया जाएगा।
सल्फ्यूरिक एसिड को निष्क्रिय करने की योजना
साथ ही नदी में मौजूद सल्फ्यूरिक एसिड के खतरे को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी। यह कदम पर्यावरणीय संकट को टालने के लिए जरूरी है।
एक शव की पहचान प्रारंभिक चरण में
कलेक्टर धमेलिया ने यह भी बताया कि शेष दो शवों में से एक की प्रारंभिक पहचान की जा चुकी है और दस्तावेजी प्रक्रिया जारी है।
समय और विषैले खतरे से दौड़
जैसे-जैसे यह त्रासदी अपने अंत की ओर बढ़ रही है, जिला प्रशासन समय और विषैले रासायनिक खतरे से जूझते हुए अंतिम दो शवों की बरामदगी और पीड़ित परिवारों को closure देने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है।