भोपाल: राजधानी के अशोका गार्डन इलाके में शनिवार रात मोबाइल छीनने की एक और घटना सामने आई। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने बताया कि अज्ञात आरोपियों ने परिहार चौराहे के पास बाइक से आते हुए युवक का मोबाइल फोन छीन लिया और फरार हो गए। छिना गया मोबाइल करीब ₹20,000 कीमत का बताया जा रहा है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
पिछले कई महीनों से ‘मोबाइल स्नैचिंग बेकाबू’ और ‘भोपाल में छीनतई की बाढ़’ जैसे शीर्षक लगातार स्थानीय मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। अब पुलिस भी मानने लगी है कि यह सिलसिला खासकर झुग्गी बस्तियों के नाबालिग और युवा वर्ग को अपनी गिरफ्त में ले रहा है, जिन पर सोशल मीडिया और असामाजिक तत्वों का असर बढ़ता जा रहा है।
भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार, शहर में आदतन अपराधियों के खिलाफ नियमित रूप से रोकथाम की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन कई मामलों में पकड़े गए आरोपी पहली बार अपराध में शामिल पाए गए, जिनमें नाबालिग भी शामिल हैं। कुछ मामलों में आरोपी अन्य जिलों से आकर भोपाल में वारदात को अंजाम देते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पुलिसिंग की कमजोर निगरानी और सक्रियता की कमी इन घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि अब घरों के अंदर से भी मोबाइल फोन छीनने के मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला ऐशबाग क्षेत्र से सामने आया, जहां 6 जुलाई को एक 19 वर्षीय युवती ने शिकायत दर्ज कराई कि जब वह घर में अकेली थी, तब एक पुरुष और महिला ने घर में घुसकर उसका मोबाइल फोन छीन लिया। ऐशबाग पुलिस ने छीनतई की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
समाधान की दिशा में ठोस कदम की दरकार
इन बढ़ती घटनाओं ने न सिर्फ आम नागरिकों में दहशत फैला दी है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन घटनाओं पर काबू पाने के लिए:
- संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए
- सीसीटीवी कवरेज को बेहतर बनाया जाए
- नाबालिगों के लिए सुधारात्मक कार्यक्रम चलाए जाएं
- सोशल मीडिया पर फैले अपराध प्रेरक कंटेंट पर निगरानी बढ़ाई जाए
जब तक ठोस रणनीति नहीं बनाई जाती, भोपाल में मोबाइल छीनतई की घटनाएं थमने की उम्मीद करना मुश्किल है।