मध्यप्रदेश ने फूलों की खेती के क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान बना ली है और अब यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा फूल उत्पादक राज्य बन गया है।
राज्य में मुख्य रूप से गेंदा, गुलाब, शेवंती, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा और इसबगोल, अश्वगंधा, सफेद मूसली, कोलियस जैसे औषधीय फूलों की खेती की जाती है। इनमें गेंदे का सबसे अधिक रकबा है, जो 24,214 हेक्टेयर में फैला है। इसके बाद गुलाब (4,502 हेक्टेयर), शेवंती (1,709 हेक्टेयर), ग्लैडियोलस (1,058 हेक्टेयर) और रजनीगंधा (263 हेक्टेयर) की खेती की जाती है। अन्य फूलों की खेती 11,227 हेक्टेयर में हो रही है।
राज्य की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 15.01 मीट्रिक टन है, जो फूलों की खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय मानी जाती है। मध्यप्रदेश के कुल 27.71 लाख हेक्टेयर बागवानी क्षेत्र में से 42,978 हेक्टेयर भूमि फूलों की खेती के लिए समर्पित है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के किसानों ने 5.12 लाख मीट्रिक टन फूलों का उत्पादन किया, जो अब तक का एक रिकॉर्ड आंकड़ा है। अधिकारियों का कहना है कि वह दिन दूर नहीं जब मध्यप्रदेश फूलों की खेती में देश का अग्रणी राज्य बन जाएगा।
वर्ष 2021-22 में फूलों की खेती का रकबा 37,647 हेक्टेयर था, जो 2024-25 में बढ़कर 42,978 हेक्टेयर हो गया। इसके साथ ही उत्पादन में भी 86,294 टन की वृद्धि दर्ज की गई है।