मॉनसून सत्र की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने तय किया है कि वह विधानसभा परिसर में प्रतिदिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर धरना देगी। बजट सत्र के दौरान भी पार्टी ने कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
कांग्रेस की रणनीति स्पष्ट है—वह सदन के बाहर प्रदर्शन करके सरकार पर दबाव बनाना चाहती है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने परिसर में प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है, लेकिन इसका कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ा है। एक कांग्रेस विधायक ने इसे अपनी सफलता बताया कि उनके विरोध के चलते ही अध्यक्ष को यह पाबंदी लगानी पड़ी।
कांग्रेस ने सोमवार को जैसे ही मॉनसून सत्र शुरू हुआ, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर दिया। ओबीसी आरक्षण के बाद अब पार्टी अलग-अलग मुद्दों पर प्रदर्शन करेगी। इनमें किसानों को खाद की समस्या, राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) की दी गई मंज़ूरी, महिलाओं के खिलाफ अपराध, और भ्रष्टाचार जैसे विषय शामिल हैं।
हालांकि असली चुनौती कांग्रेस के लिए यह है कि वह इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से सदन में कैसे उठाती है। विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरकार पर कई आरोप लगाए हैं, लेकिन उनकी असली परीक्षा अब सदन में होगी। सरकार को बने लगभग 20 महीने हो चुके हैं, लेकिन कांग्रेस अब तक किसी भी मुद्दे पर सरकार को घेरने में विफल रही है।
मुख्यमंत्री ने ‘सदनीरा’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
विधानसभा के सेंट्रल हॉल में सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘सदनीरा’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो ‘जल गंगा संरक्षण अभियान’ की उपलब्धियों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी समाज को नदियों और जल स्रोतों के प्रति संवेदनशील बनाने का एक सांस्कृतिक प्रयास है।
प्रदर्शनी में वीर भारत ट्रस्ट द्वारा राज्य की जल जैव विविधता, जल संरचनाओं की सैटेलाइट छवियां, राज्य के बावड़ियों, “अमृतस्य नर्मदा”, और जलीय जीवन की महत्ता को दर्शाया गया है।
इस प्रदर्शनी में जनसंपर्क विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय निदेशालय, और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय जैसे संस्थान सहभागी हैं।