पति की करंट से हत्या करने वाली केमिस्ट्री प्रोफेसर की अपील खारिज, हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा बहाल की

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक महिला रसायन शास्त्र (केमिस्ट्री) की प्रोफेसर की अपील को खारिज कर दिया, जिसे सत्र न्यायालय ने अपने पति की करंट लगाकर हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह मामला तब चर्चा में आया जब प्रोफेसर ममता पाठक द्वारा स्वयं अपनी पैरवी करते हुए कोर्ट की कार्यवाही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

वीडियो में प्रोफेसर ममता यह तर्क देती नजर आईं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में थर्मल बर्न और इलेक्ट्रिकल बर्न को अलग करना संभव नहीं होता जब तक कि उसकी केमिकल एनालिसिस न की जाए। इसलिए, उनके अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके पति की मौत का कारण करंट लगना बताया गया है, जो कि भरोसेमंद नहीं माना जा सकता। जब पीठ में से एक न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि क्या वह केमिस्ट्री की प्रोफेसर हैं, तो उन्होंने सिर हिलाकर ‘हां’ में उत्तर दिया।

28 अप्रैल 2025 को सुनवाई के बाद, हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रखते हुए उनकी सजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। हालांकि, अंतिम निर्णय में अदालत ने सजा पर लगाया गया स्थगन हटा दिया और ममता पाठक को ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर बाकी सजा भुगतने का आदेश दिया।

कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि 2021 की घटना के दिन की घटनाओं की श्रृंखला यह स्पष्ट करती है कि उस दिन उनके घर कोई नहीं आया था। यह ममता पाठक ही थीं जिन्होंने अपने पति डॉ. नीरज पाठक को पहले किसी नशीले पदार्थ का सेवन कराया और फिर जब वह बेहोश हो गए तो उन्हें करंट लगाकर मार डाला।

इस प्रकार, हाई कोर्ट ने यह मानते हुए कि आरोपी की भूमिका स्पष्ट है, उनकी अपील को खारिज कर दिया और सजा पूरी करने का निर्देश दिया।

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