सीएजी (CAG) की 2021-22 की रिपोर्ट में राज्य सरकार को खनन और शराब ठेकेदारों की लापरवाही के चलते ₹1,000 करोड़ का भारी नुकसान होने की बात सामने आई है। यह रिपोर्ट गुरुवार को पेश की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, 45 ठेकेदारों ने सरकार से निर्धारित मात्रा से अधिक ग्रिट, लाल मिट्टी, संगमरमर, रेत और डोलोमाइट का खनन किया। खनिज विभाग न तो उनसे रॉयल्टी वसूल सका और न ही किसी तरह की जुर्माना कार्रवाई कर सका। इस लापरवाही के चलते सरकार को कुल ₹630 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा।
लोक निर्माण विभाग (PWD) में ₹93 करोड़ की अनियमितता
सीएजी रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग (PWD) में ₹93 करोड़ की गड़बड़ी की बात भी कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार, विभागीय अधिकारियों ने बिना अनुमति के तय राशि से अधिक भुगतान किया। मुख्य अभियंता कार्यालय ने बिना किसी स्पष्ट कारण के ₹30 करोड़ खर्च कर दिए।
इसके अलावा ठेकेदारों को ₹3.68 करोड़ की अतिरिक्त राशि भी दे दी गई। इसमें निरीक्षण शुल्क की वसूली, मूल विभाग को भुगतान न करना और डिज़ाइन में बदलाव जैसे कारणों से अतिरिक्त भुगतान शामिल हैं।
वन विभाग को ₹87 करोड़ का घाटा
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि वन विभाग को ₹87 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसका कारण समय पर वनोपज की कटाई न होना, अतिक्रमण, बांस उत्पादन में कमी, और पट्टे के किराए व लाभांश की वसूली न होना बताया गया है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि 10 पट्टाधारी बिना अनुमति के खदानों में खनन कर रहे थे, जिससे विभाग को आर्थिक हानि हुई।