सड़क सुरक्षा पर सख्ती: जस्टिस सपरे ने दिए छह महीने में बदलाव के निर्देश, ई-रिक्शा पहल की सराहना

सुप्रीम कोर्ट सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अभय मनोहर सपरे ने गुरुवार को भोपाल में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी और ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार के लिए आगामी छह महीनों में ठोस और समयबद्ध कदम उठाए जाएं। उन्होंने शहर की ई-रिक्शा पहल की सराहना करते हुए इसे सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट की दिशा में सराहनीय बताया।

पिछले पांच वर्षों के सड़क दुर्घटना आंकड़ों, ब्लैक स्पॉट की पहचान, वाहन फिटनेस, ड्राइविंग टेस्ट, लाइसेंस व बीमा अनुपालन, ओवरलोडिंग और स्पीड नियंत्रण जैसे विषयों पर समीक्षा की गई। जस्टिस सपरे ने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम समेत सभी विभागों को मिलकर समन्वित प्रयास करने होंगे। उन्होंने अधिकारियों को तीन महीने के भीतर स्पष्ट सुधार के निर्देश दिए और समिति की पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया।

सख्त नियम और जनजागरूकता पर ज़ोर

बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को देखते हुए उन्होंने ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन पर बल दिया, खासतौर पर हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य करने, नशे में गाड़ी चलाने पर कड़ी कार्रवाई करने, और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की सिफारिश की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अधिकारी और पुलिसकर्मी भी इन नियमों का पूरी तरह पालन करें।

स्कूल-कॉलेज के छात्रों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य करने, मीडिया के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाने, और रक्षक योजना एवं कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम को प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता बताई। साथ ही, उन्होंने बड़े संस्थानों से कर्मचारियों के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने और परिवारों से बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने की अपील की।

मध्यप्रदेश से शुरू हुआ राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा मिशन

राज्य स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ जस्टिस सपरे ने रोड सेफ्टी मिशन का शुभारंभ किया, जो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चलेगा। उन्होंने कहा, “जिस तरह स्वच्छता में इंदौर ने देश में मिसाल कायम की, वैसे ही सड़क सुरक्षा में मध्यप्रदेश अग्रणी बनेगा।”

उन्होंने सभी 55 जिलों के लिए अल्पकालिक व दीर्घकालिक सुरक्षा नीति अपनाने की बात कही। मुख्य सचिव जैन ने जानकारी दी कि आईआईटी-मद्रास पहले चरण में 9 जिलों को तकनीकी सहायता देगा, जो बाद में 6 और जिलों तक बढ़ेगा। इस कार्य में पुलिस, नगरीय निकाय, पीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करेंगे।

योजनाओं में शामिल हैं—ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन, अधिक ड्राइविंग संस्थान, तेज एंबुलेंस सेवा, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली और विद्यालय स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने राज्य का रोड सेफ्टी एक्शन प्लान प्रस्तुत किया।

कमिश्नर ने जारी किए सख्त निर्देश

भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्रा ने आदेश जारी कर कहा है कि जिले के सभी पुलिसकर्मी दोपहिया वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से हेलमेट और चारपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट पहनें, अन्यथा विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने समुदाय-स्तर पर जुड़ाव बढ़ाकर नियमों के सख्त पालन की बात कही।

अगले चरण में समिति नर्मदापुरम और नरसिंहपुर जिलों का दौरा कर समीक्षा करेगी। इससे पहले इंदौर में समीक्षा पूरी हो चुकी है।

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