शहर में हाइड्रोपोनिक गांजा का क्रेज बढ़ने के साथ ही ड्रग सप्लायर्स भी इस उच्च-गुणवत्ता वाली गांजे की अडिग सप्लाई पर पूरी मेहनत कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अधिकारियों ने आरजीआई एयरपोर्ट पर एक महिला को गिरफ्तार किया और उसके सामान से 40 किग्रा हाइड्रोपोनिक गांजा जब्त किया। अब जांच कर अन्य गिरोह के सदस्यों की पहचान की जा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, “नशे की इस खेप को लाने वाली महिला बैंगकॉक से दुबई होते हुए हैदराबाद आई, ताकि संदेह न हो। हाल में सीधे बैंगकॉक से आने वाले एक कैरियर की गिरफ्तारी के बाद तस्करों ने अपना रूट बदल लिया था।”
थाईलैंड हाइड्रोपोनिक गांजा का मुख्य स्रोत बन चुका है। इसकी कीमत गुणवत्ता के हिसाब से ₹30 लाख से ₹1 करोड़ प्रति किग्रा तक है। अधिकारी बताते हैं कि “2022 में थाईलैंड में गांजा खेती को अवैध अपराध से मुक्त किए जाने के बाद कई नर्सरी खुलीं। भारतीय ड्रग सिंडिकेट्स ने वहां के उत्पादकों से संपर्क बनाए और अग्रिम भुगतान के जरिए—क्रिप्टोकरेंसी या हवाला चैनलों से—बड़े ऑर्डर देना शुरू कर दिया।”
हालांकि थाई सरकार ने जून से हाइड्रोपोनिक गांजे की बिक्री को विनियमित करना शुरू कर दिया है, सिंडिकेट्स के बीच दोनों देशों का कनेक्शन अब भी चलता आ रहा है। अधिकारी कहते हैं कि “एयर मार्ग सबसे बड़े तस्करी चैनल बन गए हैं। महिलाएं कैरियर्स के रूप में इसलिए चुनी जाती हैं क्योंकि एयरपोर्ट सुरक्षा कम शक करती है। उन्हें टिकट, ठहरने और खाने का इंतज़ाम किया जाता है और प्रति ट्रिप ₹20,000–₹40,000 का भुगतान किया जाता है।”
इसके अलावा, ड्रग सिंडिकेट्स कूरियर सेवाओं, पोस्टल नेटवर्क और डार्क वेब के माध्यम से भी पैकेज भेजकर नशीले पदार्थ भारत में लाये जा रहे हैं।