अरेरा कॉलोनी में अवैध व्यावसायिक निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब तलब

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की प्रधान पीठ जबलपुर ने भोपाल की अरेरा कॉलोनी (ई-1 से ई-5) में हो रहे अवैध व्यावसायिक निर्माणों को लेकर राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। यह आदेश एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए दिया गया, जिसे एससी मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य पुरुषोत्तम शुक्ला और पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष पांडे ने दाखिल किया है।

मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने इस संबंध में मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, टीएंडसीपी आयुक्त, भोपाल कलेक्टर और नगर निगम अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में मध्यप्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट, 1973 और भोपाल विकास योजना 2005 का हवाला देते हुए बताया कि कैसे इन कानूनों की अवहेलना कर आवासीय भवनों को मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में तब्दील किया जा रहा है। इसके कारण क्षेत्र में यातायात दबाव, प्रदूषण, नालियों का जाम होना और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में गिरावट जैसे गंभीर मुद्दे उत्पन्न हो गए हैं।

याचिका में 10 नंबर मार्केट और उसके आसपास की बदहाल यातायात व्यवस्था, लगातार लगने वाले जाम, ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहनों को लॉक करने और चालान जारी करने जैसी समस्याओं का उल्लेख किया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह क्षेत्र मूलतः आवासीय प्रयोजन के लिए आरक्षित था, लेकिन अब यह अवैध व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है, जिससे संपूर्ण व्यवस्था चरमरा गई है।

चूंकि इस क्षेत्र के लिए कोई पूर्व नियोजन नहीं किया गया था और न ही बाद में कोई सुधारात्मक उपाय किए गए, ऐसे में जब नागरिक इस अव्यवस्थित बाजार में पहुंचते हैं तो उन्हें भारी जाम और अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है।

Switch Language »