दिल्ली से रवाना हुई डसॉल्ट फाल्कन 2000 बिजनेस जेट को राजस्थान स्थित भारतीय वायुसेना (IAF) के फालोदी स्टेशन पर उतरना था, लेकिन विमान गलती से उसके पास स्थित एक सिविल एयरस्ट्रिप पर लैंड कर गया। यह सिविल हवाई पट्टी निर्धारित गंतव्य से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सूत्रों के अनुसार, पायलटों को गलती का अहसास होते ही उन्होंने कुछ ही मिनटों में विमान को उठाकर सही स्थान—IAF फालोदी एयरबेस—पर उतार दिया। इस बड़ी लापरवाही के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों पायलटों को जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया गया है।
चार्टर ऑपरेटर की ओर से इस “गलत एयरपोर्ट लैंडिंग” को लेकर स्वैच्छिक रिपोर्ट भी दायर की गई है। सूत्रों का कहना है कि “शायद उड़ान से पहले पायलटों को यह स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी कि पास में दो अलग-अलग हवाई पट्टियाँ मौजूद हैं। पायलटों को सही और विस्तृत प्री-फ्लाइट ब्रीफिंग मिलनी चाहिए, और यह जिम्मेदारी ऑपरेटर की होती है।”
जानकारों ने यह भी बताया कि जिस सिविल हवाई पट्टी पर विमान उतरा, वह संभवतः इस श्रेणी के भारी विमान के लिए उपयुक्त नहीं थी, जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता था। साथ ही ऐसी स्थिति में सैन्य और नागरिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच तालमेल की कमी से प्रतिक्रिया में देरी हो सकती है।
यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब एक महीने पहले हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और राज्य के पुलिस प्रमुख अतुल वर्मा को लेकर जा रहे विमान में शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर ब्रेक्स में तकनीकी गड़बड़ी हुई थी। उस उड़ान (9I821) के पायलट ने लैंडिंग के दौरान ब्रेक्स में दिक्कत की रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद विमान को ग्राउंड कर जांच की गई थी। जानकारी के मुताबिक, पायलटों को लैंडिंग के बाद विमान की रफ्तार कम करने में मुश्किल हुई और उन्हें अंतिम क्षणों में इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़े।