बालाघाट के सोनवानी अभयारण्य में शिकार की गई बाघिन का शव रहस्यमय ढंग से गायब, वनकर्मियों पर सबूत मिटाने के आरोप

मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले स्थित सोनवानी अभयारण्य में शिकार की गई एक बाघिन का शव रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया है। इस घटना ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और साबित करने की कोशिश हो रही है कि मामला दबाया जा रहा है

सूत्रों के मुताबिक, 2 अगस्त को सोनवानी वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन कमेटी के बंद व्हाट्सएप ग्रुप में बाघिन के शव की एक तस्वीर साझा की गई थी। लेकिन इसके तुरंत बाद शव वहां से गायब हो गया। आरोप है कि 27 से 30 जुलाई के बीच कुछ वनकर्मियों ने चुपचाप शव को तीन अलग-अलग स्थानों पर जला कर सबूत मिटाने की कोशिश की।

प्रारंभिक जांच के बाद, वन विभाग ने एक वन रक्षक और एक फॉरेस्टर को निलंबित कर दिया है, जबकि छह चौकीदारों से पूछताछ की जा रही है। लालबर्रा और वारासिवनी रेंज की सर्च टीमों को फोटो में दिखाए गए स्थान पर शव नहीं मिला, जिससे शिकार की आशंका और प्रबल हो गई है।

इस बीच, जिला स्तरीय जांच में भी वन विभाग की लापरवाही की पुष्टि हुई है। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने इस मामले को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) और अन्य नियामक संस्थाओं तक पहुंचाने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया कि “यह स्पष्ट रूप से शिकार को छुपाने की कोशिश है। बाघिन के पंजे भी गायब थे।”

गौरतलब है कि सोनवानी अभयारण्य में 40 से अधिक बाघों का विचरण होता है, और इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण से जुड़े लोगों को गंभीर रूप से चिंतित कर दिया है। वन विभाग ने कहा है कि जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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