भोपाल में क्राइम ब्रांच ने बुधवार को अवैध हथियारों के सौदे के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनका सीधा संबंध कुख्यात ड्रग और हथियार तस्कर यासीन अहमद उर्फ ‘मछली’ गैंग से है।
₹25,000 में खरीदा हथियार, होटल में हुई डिलीवरी
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अंकित कहार और अमन दहिया के रूप में हुई है। उनके पास से एक देसी पिस्टल और एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया। पूछताछ में अंकित ने बताया कि उसने यह पिस्टल यासीन के करीबी साथी अंशुल उर्फ भूरी से ₹25,000 में खरीदी थी, जिसे अमन ने एक होटल में उसे सौंपा।
ओबैदुल्लागंज रेलवे ओवरब्रिज से गिरफ्तारी
अपर डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने जानकारी दी कि गुप्त सूचना के आधार पर अंकित को ओबैदुल्लागंज रेलवे ओवरब्रिज के पास पकड़ा गया। अंकित, जो एक रेस्टोरेंट का मालिक है, ने पहले पुलिस को पिस्टल की लोकेशन को लेकर गुमराह किया। लेकिन सख्त पूछताछ के बाद उसने कबूला कि हथियार भारत टॉकीज के पास एक परित्यक्त इमारत की छत पर छुपाया गया है, जहां से पुलिस ने हथियार बरामद कर लिया।
अमन की आपराधिक पृष्ठभूमि, दिल्ली-नोएडा से जुड़े ड्रग नेटवर्क से कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया कि अमन के खिलाफ पहले कमला नगर और रातीबड़ थानों में मामले दर्ज हैं। वह दिल्ली और नोएडा से संचालित होने वाले एमडी ड्रग सप्लाई नेटवर्क से भी जुड़ा हुआ है। इससे उसके यासीन के अंतरराज्यीय नेटवर्क में गहरे संलिप्त होने का संदेह और मजबूत हो गया है।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और भूरी व अन्य साथियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
मछली परिवार की बंदूकों पर भी कार्रवाई, पांच पर नोटिस
एमडी ड्रग्स केस में यासीन अहमद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अब उसके परिवार की लाइसेंसी हथियारों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। यासीन के परिवार, जिसे मछली फैमिली के नाम से जाना जाता है, के करीब 15 सदस्यों के नाम क्राइम ब्रांच ने प्रशासन को सौंपे थे।
जिला प्रशासन ने इनमें से पांच सदस्यों — सोहेल, शहरीयार, शफीक, शाहिद और शावेज — की बंदूकों को चिन्हित किया है, जिनके पास कुल आठ लाइसेंसी हथियार हैं। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि इन सभी को 13 अगस्त को नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई संगठित आपराधिक नेटवर्क की ताकत खत्म करने की रणनीति का हिस्सा है। इस कदम से यासीन के नेटवर्क को उसके सशस्त्र सुरक्षा कवच से वंचित किया जाएगा और उसके प्रभाव को सीमित किया जाएगा।
यह मामला बताता है कि पुलिस अब सिर्फ आरोपियों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में ठोस और बहु-आयामी रणनीति अपना रही है।