भोपाल में आवारा कुत्तों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। जनवरी से जून 2025 के बीच 10,769 कुत्ता काटने के मामले सामने आए, यानी औसतन हर महीने करीब 1,795 घटनाएं। बढ़ते मामलों ने नागरिकों और प्रशासन दोनों को चिंता में डाल दिया है।
इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के हमलों और रेबीज़ के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए सोमवार को तत्काल पकड़ने, नसबंदी करने और स्थायी रूप से शेल्टर होम में भेजने के आदेश दिए। साथ ही, इस अभियान में बाधा डालने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
भोपाल की स्थिति
नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के एंटी-रेबीज़ सर्वे के अनुसार, भोपाल में करीब 1.5 लाख आवारा कुत्ते हैं। साल 2024 में 19,285 कुत्ता काटने के मामले दर्ज हुए थे।
भोपाल नगर निगम (BMC) वर्तमान में तीन एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) सेंटर चला रहा है, जहां हर साल लगभग 22,000 कुत्तों की नसबंदी होती है। लेकिन शहर के 85 वार्डों के हिसाब से यह व्यवस्था नाकाफी है। नियम के अनुसार, 10 वार्ड पर एक नसबंदी केंद्र होना चाहिए, यानी कम से कम नौ केंद्र आवश्यक हैं।
कानूनी उलटफेर का आरोप
पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) की सदस्य स्वाति गौरव ने कहा, “पहले अदालत आवारा कुत्तों को हटाने के खिलाफ थी क्योंकि वे आक्रामक हो जाते हैं। अब यह आदेश विरोधाभासी है, जिसे हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।” उन्होंने बताया कि भोपाल में पूर्व महापौर ने आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
नगर निगम की राय
नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग के डॉ. बृजेश गुप्ता ने भी कहा, “सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उसके ही पुराने आदेश के विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि नसबंदी के बाद कुत्तों को उसी इलाके में छोड़ा जाए। निगम भी इसी सिद्धांत पर काम करता है।”
जब हमले जानलेवा बनें
- जनवरी 2024 में अयोध्या नगर में सात महीने के बच्चे की मौत दो-तीन आवारा कुत्तों के हमले में हुई।
- 15 जनवरी 2024 को बागसेवनिया में चार वर्षीय बच्चे की मौत हुई, उसी दिन चार लोग आवारा कुत्तों के हमले का शिकार बने।
- जनवरी 2022 में बागसेवनिया में चार साल की बच्ची को कुत्तों के झुंड ने बुरी तरह घायल कर दिया था।