मध्यप्रदेश के गुना जिले में 25 वर्षीय देव पारदी की पिछले वर्ष हुई कथित हिरासत मृत्यु के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक और पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी राघोगढ़ थाना प्रभारी टीआई जुबेर खान की हुई, जिन्हें मंगलवार रात करीब 9 बजे जिला अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद हिरासत में लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की टीम मंगलवार सुबह से ही गुना में डेरा डाले हुए थी और दिनभर पूछताछ के बाद कार्रवाई की गई।
इससे पहले जुलाई में सीबीआई ने इसी मामले में उपनिरीक्षक देवराज परिहार को एसपी कार्यालय से गिरफ्तार किया था। मामला 15 जुलाई 2024 का है, जब देव, जो बिलाखेड़ी का निवासी था, अपनी शादी से कुछ घंटे पहले म्याना पुलिस द्वारा अपने चाचा गंगाराम के साथ एक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।
अगले दिन देव के परिवार को सूचना मिली कि उसका शव जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष में रखा है। जल्द ही आरोप लगे कि देव की मौत म्याना थाने में पुलिस यातना के कारण हुई। इस घटना के बाद पारदी समाज में भारी आक्रोश फैल गया। देव की मंगेतर और उसकी मौसी ने विरोधस्वरूप आत्मदाह का प्रयास किया। दो दिन बाद समुदाय की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पर न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
देव की मां ने बाद में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने मई 2025 में मामला सीबीआई को सौंपते हुए एक महीने के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में तत्कालीन म्याना थाना प्रभारी संजीत मवाई, एएसआई उत्तम सिंह सहित कई अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच जारी है। जुबेर खान की गिरफ्तारी के बाद जल्द और कार्रवाई होने की संभावना है।
इस मामले की न्यायिक जांच के दौरान देव के भाई सिंदबाज पारदी ने अपने घर की दूसरी मंजिल पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बच्चों ने उन्हें फंदे पर लटका देख परिवार को सूचना दी, जिसके बाद सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया। परिवार का कहना है कि सिंदबाज की मौत देव की मौत से उपजे मानसिक तनाव और न्याय न मिलने की पीड़ा के कारण हुई। छह माह में यह पारदी परिवार की तीसरी मौत थी—सबसे पहले बड़े भाई चिकन पारदी की सड़क दुर्घटना में मौत, फिर देव की हिरासत में मौत और अब सिंदबाज की आत्महत्या।
गुना पुलिस का दावा है कि देव 2019 से वांछित था और पूछताछ के दौरान उसे हृदयाघात हुआ। वहीं, परिवार का कहना है कि वह पूरी तरह स्वस्थ था और पुलिस मारपीट के कारण उसकी मौत हुई। पुलिस अभिलेखों में देव के खिलाफ सात प्रकरण दर्ज होना बताया गया है।