गांधी मेडिकल कॉलेज भर्ती विज्ञापन रद्द: हाईकोर्ट ने कहा अवैध, नई प्रक्रिया से होगी नियुक्ति

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में डॉक्टरों की भर्ती के लिए 28 सितंबर 2024 को जारी विज्ञापन को अवैध ठहराते हुए निरस्त कर दिया है। अदालत ने कहा कि स्वायत्त कॉलेज की कार्यकारिणी समिति ने इन-हाउस उम्मीदवारों की पदोन्नति की प्रक्रिया तय किए बिना प्रत्यक्ष भर्ती का विज्ञापन जारी किया, जो कानूनन गलत है।

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक जैन की पीठ ने डॉ. रजनी ठाकुर की याचिका पर दिया। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि एसोसिएट प्रोफेसर (एनेस्थीसिया) का पद पदोन्नति से भरा जाना चाहिए था और वह पिछले 12 वर्षों से एनेस्थीसिया विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं, इसलिए उन्हें पदोन्नति का हक है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि फीडर लाइन से भरे जाने वाले पद को प्रत्यक्ष भर्ती से नहीं भरा जा सकता। वहीं कॉलेज प्रबंधन की ओर से दलील दी गई कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते पदोन्नति नहीं दी जा सकती और राज्य सरकार ने अनुमति दी है कि ऐसे पद प्रत्यक्ष भर्ती से भरे जा सकते हैं।

इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अगर ऐसा हुआ तो उनकी जूनियर सहकर्मी को एसोसिएट प्रोफेसर बना दिया जाएगा, जबकि वह लंबे समय से पदोन्नति की पात्र हैं।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि यदि पदोन्नति की जगह प्रत्यक्ष भर्ती की जाती है और उसे केवल इन-हाउस उम्मीदवारों तक सीमित किया जाता है, तब भी वही प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए जो पदोन्नति के लिए निर्धारित है। अन्यथा, याचिकाकर्ता के विधिक अधिकार प्रभावित होंगे और उनका पदोन्नति पाने का हक समाप्त हो जाएगा।

अदालत ने स्पष्ट किया कि कॉलेज प्रबंधन अब तक पदोन्नति की कोई निश्चित प्रक्रिया तय नहीं कर पाया है। ऐसे में पदोन्नति वाले पद को प्रत्यक्ष भर्ती में बदलना और बिना प्रक्रिया अपनाए नियुक्ति करना स्पष्ट रूप से अवैध है।

हाईकोर्ट ने कहा, “इस न्यायालय को कोई संकोच नहीं है यह कहने में कि भर्ती विज्ञापन अवैधता से ग्रसित है।” अदालत ने कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिया है कि नियुक्ति की प्रक्रिया दोबारा से शुरू की जाए।

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